तिरंगे का अपमानकरने वाले कौन थे ?डॉ शोभा भारद्वाज 26 जनवरी की शाम ,हमारे एरिया में सब्जी वाले सब्जीबेचने आये उन्होंने मुझे देखा घेर कर खड़े हो गये उनके चेहरे से दुःख साफ़ झलक रहाथा सब एक साथ बोलने लगे आंटी जी आज का दिन हम कभी नहीं भूल सकते 26 जनवरी कैसाहंगामा मचाया है, लाल किले पर से हमारा तिरंगा झंडा
तिरंगाडॉशोभा भारद्वाज 15 अगस्त 1947 पहला स्वाधीनता दिवस ,लाल किले से देशके पहले प्रधान मंत्री श्री जवाहरलालनेहरू ने तिरंगा फहराया था, लहराता हुआ झंडा शान बान के साथ आजादी का संदेश दे रहा था. आजाद भारत केनागरिक घरों से निकल कर लाल किले के मैदान में इकठ्ठे हो कर आजादी का जश्न मना रहेथे ‘अपने’ राष्ट्र
लोकतंत्र में अक्सर लोग इस भ्रम में रहते है कि, अपनी सरकार बेकार नहीं है और हाँ, इस बात को भली प्रकार से समझ भी लेना ... यहाँ पर बेकार का मतलब मलबे का ढेर (आलतू-फालतू सामान) नहीं बल्कि बेरोजगार लोगो से है या दूसरे अर्थ में कहें तो फालतू बैठे लोगो से है इसलिए इन लोगो को भ्रम होता है कि, बेचारी सरकार क