दुःख सीहसीन तोकोई दिलरुबा हीनहीं,हर लम्हा रहे जोजेहन मेंअसल महबूबा भीवही,लाख चाहूं किनिकल जाएजिंदगी सेमेरी,बेशर्म लिपटी हैकलेजे सेकि जाती हीनहीं,कहती है, कमबख्तबिफर केअजब नाज से,दुःख हूं, रिश्ता नहीं,मौत तकपीछा छोड़ूंगी नहीं,मै हीलोरी, गज़ल भी मैं,फातिहा पढ़ूंगी मैं ही.
भारत एक राष्ट्र है लेकिन सही मायनों में भारत बहुत से राष्ट्रों का संघ है. जहां भाषा से लेकर विचार, पहनावे से लेकर खानपान सब अलग है. कोई भी अपनी पहचान छोड़ एक पहचान के हक़ में नहीं है. बंगाल में बंगाली है जिन्हे नाज़ है अपनी संस्कृति पर तो पंजाबियों को
पेहेक की पहचान याहान गीत पेहेचन के गीत: पैस की पहचान याहान 1 9 70 बॉलीवुड फिल्म पेचन से एक सुंदर हिंदी गीत है। यह गीत शंकर और जयकिशन द्वारा रचित है। मोहम्मद रफी ने इस गीत को गाया है। इसके गीत नीरज द्वारा लिखे गए हैं।पहचान (Pehchan )पैसे की यहाँ (Paise Ki Pahachaan Yahaan ) की लिरिक्स (Lyrics Of P
'पेहेचन' 1 9 70 की हिंदी फिल्म है जिसमें मनोज कुमार, बाबाता, सेलेश कुमार, बलराज साहनी, चांद उस्मानी, तिवारी, ट्यून ट्यून और सुलोचाना प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हमारे पास और पेहेचन के एक गीत गीत हैं। शंकर और जयकिशन ने अपना संगीत बना लिया है। मोहम्मद रफी ने इन गीतों को गाया है जबकि नीरज ने अपने गीत लिख
पेहचान से सनम ओ सनम गीत अभिजीत भट्टाचार्य और कविता कृष्णमूर्ति द्वारा गाए जाते हैं और समीर द्वारा लिखे गए हैं। सनम ओ सनम का संगीत आनंद और मिलिंद द्वारा रचित है।पहचान (Pehchaan )सनम ओ सनम (Sanam O Sanam ) की लिरिक्स (Lyrics Of Sanam O Sanam )सनम ओ सनम ऐसे ही प्यार करते रहनासनम ओ सनम ऐसे ही प्यार क
Tu Mere Dil Mein Rehti Hai Lyrics from Pehchaan is sung by Abhijeet Bhattacharya and written by Sameer. Music of Tu Mere Dil Mein Rehti Hai is composed by Anand and Milind.पहचान (Pehchaan )तू मेरे दिल में रहती है (Tu Mere Dil Mein Rehti Hai ) की लिरिक्स (Lyrics Of Tu Mere Dil Mein Rehti Hai )तू म
'पेहचान' 1 99 3 की हिंदी फिल्म है जिसमें सुनील शेट्टी, सैफ अली खान, शिल्पा शिरोडकर और मधु प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हमारे पास 2 गाने के गीत और पेहचान के 2 वीडियो गाने हैं। आनंद और मिलिंद ने अपना संगीत बना लिया है। अभिजीत भट्टाचार्य और कविता कृष्णमूर्ति ने इन गीतों को गाया है, जबकि समीर ने अपने गीत ल
लोकतंत्र में अक्सर लोग इस भ्रम में रहते है कि, अपनी सरकार बेकार नहीं है और हाँ, इस बात को भली प्रकार से समझ भी लेना ... यहाँ पर बेकार का मतलब मलबे का ढेर (आलतू-फालतू सामान) नहीं बल्कि बेरोजगार लोगो से है या दूसरे अर्थ में कहें तो फालतू बैठे लोगो से है इसलिए इन लोगो को भ्रम होता है कि, बेचारी सरकार क
यहकोतमा और उस जैसे नगर-कस्बों में यह प्रथा जाने कब से चली आ रही है कि जैसे ही किसी लड़के के पर उगे नहीं कि वह नगर के गली-कूचों को ‘टा-टा’ कहके ‘परदेस’ उड़ जाता है।कहते हैं कि ‘परदेस’ मे सैकड़ों ऐसे ठिकाने हैं जहां नौजवानों की बेहद ज़रूरत है। जहां हिन्दुस्तान के सभी प्रान्त के युवक काम की तलाश में आते है
मित्र हमारे इतने अच्छे होते है की समय के साथ अपना रुख बदल लेते है अक़सर आप सभी ने देखा होगा की जब हमारे पास पैसे , ज्ञान और पहचान की बात आती है तो मित्र हमारे साथ रहते है यही जब हम उन्हें देते है तो कुछ दिनों बाद हमें भूल जाते है और यदि हम उनके सामने होते है तो भी पहच
कुछ खोई खोई अपने सपनों मेंअपनी मुश्कान मेंअपने ही ख्यालों में अनजानी सी ....आवाज में वह नमी हैऔर पहचान भर बातेंदूर से छूती है दिल कोऔर लहराते बालो कोसँभालते गुजर जाती है अपनी एक अंजान पहचान छोड़करकोई नाम नहींकोई अनाम भी नहींकुछ सुहाने लम्हों को छोड़जाती है वह .....