shabd-logo

जिंदगी की जंग

16 नवम्बर 2021

15 बार देखा गया 15

सोचता हूं मैं कि जिंदगी एक जंग है

कहीं हार या कहीं जीत के रंग है।

हर मोड़ पर होते जिसके दो इरादे

कहीं बुराई तो कहीं अच्छाई के पल है।

सोचता हूं मैं कि जिंदगी एक जंग है

कुछ देती है नए तरीके से

तो वह लेने के लिए बहाने क्यों बनाती है

इसी तरह कुछ सिखा जाती है

सोचता हूं मैं कि जिंदगी एक जंग है

कभी रुला के कुछ दिखाती है

तो कभी मुस्कुरा के कुछ लेती है

गिरकर उठने का यही सिखाती है।

सोचता हूं मैं कि जिंदगी एक जंग है

लगते हैं जो अपने कभी

एक पल में पराया कर देती है

यही सताता है दिन-रात मुझे

की जिंदगी हमें जीती है या हम जिंदगी को

सोचता हूं मैं कि जिंदगी एक जंग है।

नहीं शिकवा है मुझे इस जिंदगी का

जो होना है सो हो जाए

एक पल में क्या कर लेगी

सोचता हूं मैं कि जिंदगी एक जंग है



Mukesh bunkar की अन्य किताबें

Dr.k. S .Chandel

Dr.k. S .Chandel

बहुत सुन्दर रचना है

16 नवम्बर 2021

किताब पढ़िए