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जिन्दगी

28 नवम्बर 2021

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 जिन्दगी एक पुष्प गुच्छ है।

जिसमें जितना खुशियां भरेंगे।।

और इंसानियत को समर्पित करेंगे।

 उतना ही जीवन पल्लवित पुष्पित और सुगंधित होगा।।

आने वाली संतति जितना मानवता को अपनायेगी।

दुनिया के दिलों में भारतीयता छा जायेंगी।।

वेद पुराण योग का बोलबाला होगा।

सारे जहां में हिन्दूस्तान का नाम गूंजेगा।।

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रचनाएँ
Anita Mishra की डायरी
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यह किताब मन के उद्गारों को शब्दों में बांध कर डायरी लेखन से जोड़ दिया है। आप प्रबुद्ध जन पढ़ें और मार्गदर्शन करें 🙏
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मां

19 नवम्बर 2021
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<p>मां तो मां होती है।</p> <p>सृजन का सम्मान होती है</p> <p>जगत की शक्ति और नवजात शिशु की।</p> <p>सृ

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बच्चे मन के सच्चे

22 नवम्बर 2021
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<p>बच्चे मन के सच्चे होते हैं।</p> <p>हृदय से नाजुक फूल होते हैं।।</p> <p>बचपन में कली की मानिंद कोम

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जिन्दगी

28 नवम्बर 2021
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<p> जिन्दगी एक पुष्प गुच्छ है।</p> <p>जिसमें जितना खुशियां भरेंगे।।</p> <p>और इंसानियत को समर्प

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प्रेम

28 नवम्बर 2021
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<p>प्रेम से दुनिया में ताजगी है।</p> <p>प्रेम भाव से जिन्दगी चलतीं है।।</p> <p>हृदय को स्पर्श करने म

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ओस की बूंदें

29 नवम्बर 2021
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<p>होंठों पर ओस की बूंदों जैसी खुबसूरती लिपट गई।</p> <p>हृदय से हृदय के तार जुड़े और मैं मचल गई।।</p

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हमराही

1 दिसम्बर 2021
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<p>पकड़ लो हाथ मेरा ओ मेरे हमराही।</p> <p>छुई-मुई नाजुक पुष्प हूं मैं हृदय के माही।।</p> <p>कितनी नि

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शब्द.इन

2 दिसम्बर 2021
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<div>जिसको लेखन का है शौक।</div><div>शब्द घुमड़ते है दिन रैन।।</div><div>कहानी,कविता, संस्मरण, डायरी

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पूंजीवाद

2 दिसम्बर 2021
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<div>बड़ों का हो आशीर्वाद।</div><div>भोजन हो सुस्वादु।।</div><div>भाषा का वादानुवाद।</div><div>रिश्त

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समाप्त

9 जनवरी 2022
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समाप्त

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