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जिंदगी

16 फरवरी 2022

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जिंदगी हंसती है ,हंसाती है ।
जाने कितनी बार रुलाती है ,जब भी हार जाती हूं ,टूट कर बिखर जाती हूं ।
हर बार मुझे जिंदा रहने की खुवैश दे जाती है ! 

जाने कितनी बार हारी मै ,टूट कर चकनाचूर हुई ।
फूलों भरी राहों में ,जाने कितनी बार लहूलुहान हुई ।
फिर भी हर बार जीत जाती है जिंदगी ।

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