जिंदगी हंसती है ,हंसाती है ।
जाने कितनी बार रुलाती है ,जब भी हार जाती हूं ,टूट कर बिखर जाती हूं ।
हर बार मुझे जिंदा रहने की खुवैश दे जाती है !
जाने कितनी बार हारी मै ,टूट कर चकनाचूर हुई ।
फूलों भरी राहों में ,जाने कितनी बार लहूलुहान हुई ।
फिर भी हर बार जीत जाती है जिंदगी ।