सेठजी
बहुत दिनों से सुन रहा था. सेठजी को ललकारते हुए, ताना मारते हुए,'\" अपनी कोठी में नहीं आना देना चाहते देख लूंगा सेठजी को " सेठ एक दिन ऐसा भी आएगा तुम मेरे घर आओगे .
सेठजी आये सेठानीजी भी साथ लाये. लेकिन यह क्या ललकारने वाला पलके बिछाये बैठा था . सेठजी ने कहा वह देखो यहाँ से कुछ दुरी पर आम का पेढ़ ह