ये कहानी एक भाई बहन की है, जिसमें उनके माता-पिता बचपन में ही गुजर गये हैं और वो लङका भी अपंग है लेकिन बाद में वह लङका अपनी मेहनत से अपनी जिंदगी बदल देता है, लेकिन कैसे आइये जानते है ।।
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<div>लेखक परिचय </div><div> मेरा नाम कुमार धीरज है , मेरा जन्म 2001 को भरतपुर शहर के छोटे
<div>मेरे प्रिय दोस्तों, </div><div>आपकी तरह ही मेरा एक मित्र है, जिसका नाम आशीष कुमार उर्फ गुल
<div>इसके बाद जब वो धीरे धीरे बङा हुआ । और जब वह 6 वर्ष का हुआ, तो उसका दाखिला भरतपुर शहर के भगतसिंह