shabd-logo

common.aboutWriter

Mai kavita likhti hoon

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

common.kelekh

अनोखे पल

13 अगस्त 2022
0
0

वो दिन बीत गए जो बचपन के, उल्टी सीधी अठखेलियों और लड़कपन के, सूरज उतरता था जब तालाब के पानी में ,गुडियों का शुभ विवाह होता था अनजानी में, बीत गया गुल्ली डंडा बीत गया पेड़ों पर चढ़ना,&nb

पहचानो

12 अगस्त 2022
0
0

तुम आज स्वयं को पहचानो, तुमने सारा संसार जना, तुम सारे जग की जननी हो, एक शांत नदी अग्नि ज्वाला,तुम सहनशीलता का सागर ,तूफान भरी इक आंधी हो, निज रक्षा की खातिर,औरों के मुह को मत देखे

भैया की छोटी बहन

11 अगस्त 2022
1
0

मैं छोटी हूँ नादां हूँ भैया, हाँ थोड़ी शैतान हूँ भैया, तेरे आँखों की मैं पुतली, होठों की मुस्कान हूँ भैया,तेरे आँगन की मैं तितली, झिलमिलाता आसमान हूँ भैया,नहीं पराई करना मुझको, में भी तो हूँ तेरा

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए