किसी और केगलती ऐसी क्या हुई ?जो नफरत कर बैठे,कल तक थे जो मेरे, आज किसी और के हो बैठे।खामोश ज़ुबा आज आपकी,लगता नहीं कि वो ही हो ।ऐसी क्या हुई हमसे ख़ता?आज किसी और के हो बैठे।मोहब्बत नहीं आसान ,जानते
एक दिन डेली अखबार डानमें खबर आई काल गर्ल का इंटरनेशल रैकेट पकड़ में आया है जिसमें कई लड़कियां हैंजिनसे जिस्म फरोशी का धंधा करवाया जाता है| पुलिस लाइन से फोन आया आप चाहें तोदोनों भाई आकर देख लें शायद आपको आपकी बेटी मिल जाये खबर मिलते ही दोनों भाई औरभाभी पुलिस लाइन पहुंचे बड़े हाल में कई लडकियाँ बैठी थीं
नाज मेरी बच्ची डॉ शोभा भारद्वाज यह किस्सा वर्षों सेमेरे जेहन में छाया हुआ था यह किस्सा मेरी पाकिस्तान की पठान मित्र ने सुनाया था जिसे आजतक मैं भूल नहीं सकी वह आर्मी में डाक्टर थे रैंक कर्नल का था उनकी ख़ूबसूरत पत्नी नाम शहनाज था ऊपर वाले का दिया सब कुछथा लेकिन औलाद के लिए दोनों तरसते थे उम्र बढ़ती जा
होड़ लगी है भगवान तेरे दर पर सीष झुकाने की माँ बाप से लड़कर ही सही जल्दी है तेरे दर पर आने की होड़ लगी है भगवन..... भूके को एक रोटी न दे पर जल्दी है तेरा भोग लगाने की होड़ लगी है भगवन ........ प्या
किसी के प्रति आकर्षण कभी भी सम्मोहन में बदल सकता है ।रुचियां हमेशा हमसफर ढूँढ़ती रहती हैं । प्यार वो समुंदर है जिसमें हर उम्र समा जाती है ।प्यार शक्ति है तो कमजोरी भी यही बनता है ।______________________________________________________लघुकथास्विच आफ " इतने दिन से कहां थीं ? "" होना कहां है ,घर पर ही