एक दिन डेली अखबार डानमें खबर आई काल गर्ल का इंटरनेशल रैकेट पकड़ में आया है जिसमें कई लड़कियां हैंजिनसे जिस्म फरोशी का धंधा करवाया जाता है| पुलिस लाइन से फोन आया आप चाहें तोदोनों भाई आकर देख लें शायद आपको आपकी बेटी मिल जाये खबर मिलते ही दोनों भाई औरभाभी पुलिस लाइन पहुंचे बड़े हाल में कई लडकियाँ बैठी थीं
नाज मेरी बच्ची डॉ शोभा भारद्वाज यह किस्सा वर्षों सेमेरे जेहन में छाया हुआ था यह किस्सा मेरी पाकिस्तान की पठान मित्र ने सुनाया था जिसे आजतक मैं भूल नहीं सकी वह आर्मी में डाक्टर थे रैंक कर्नल का था उनकी ख़ूबसूरत पत्नी नाम शहनाज था ऊपर वाले का दिया सब कुछथा लेकिन औलाद के लिए दोनों तरसते थे उम्र बढ़ती जा
सबसे पहले हम बात करेंगे बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा और संस्कार के बारे में। जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि बच्चे का पहला स्कूल उसका घर होता है । वो अपने बड़ों को देखता है और उन्हीं से सीखता है। जो भी परिवार के लोग उसे बताते हैं दुनिया के बारे में वह उसी को सच मानकर चलता है और उसी के आधार पर व्यवहार
प्रकृति और जीवन विश्व के दो महाद्वीपों के कुछ हिस्सों में हाथियों का साम्राज्य है। एशिया महाद्वीप में ऍलिफ़स और उसके संतान मैक्सिमस, इन्डिकस और सुमात्रेनस का साम्राज्य है और अफ्रीका में लॉक्सोडॉण्टा और उसके संतान अफ़्रीकाना और साइक्लोटिस का। गर्मियों के दिन शुरू होने वाले थे। मैक्सिमस, इन्डि
चोर की परिभाषा ?डॉ शोभा भारद्वाजएक प्रसिद्ध चैनल में गरमा गर्म बहस चल रही थी सभी उत्साहित थे ‘भारत सरकार की कूटनीतिक विजय’ पाकिस्तानी आतंकी मसूर अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया चीन ने अपना वीटो वापिस ले लिया |बीच –बीच में नारे लगाये जा रहे थे है हरेक उत्साहित था भारत की कूटनीतिक विजय बहस खत्म
बच्चे भगवान का रूप होते हैं मगर उन्हें अच्छे-बुरे की कोई समझ नहीं होती है. इसलिए उनकी केयर करना बहुत जरूरी हो जाता है क्योंकि उन्हें अपने लिए क्या करना है क्या नही इसके बारे में पता नहीं होता. माता-पिता अपने बच्चों को बहुत प्यार करते हैं और उनके लिए वे कुछ भी कर जाते हैं क्योंकि पैरेंट अपने बच्चों क
खुद को चुस्त व तंदरूस्त बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज करना बेहद आवश्यक है। व्यायाम सिर्फ वजन कम करने का ही काम नहीं करता, बल्कि इससे शरीर को अन्य कई तरह के लाभ होते हैं। जैसे बाॅडी की स्टेंथ व स्टेमिना बढ़ता है और शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से काम करते हैं। आमतौर पर देखने में आता है कि लोग शुरूआत में तो
कविता को हमेशा इंसान को जीना चाहिए और उनसे कुछ ना कुछ सीखना चाहिए। यहां पर मैंने जो कविता लिखी है वो उनके लिए है जो दिल और दिमाग से पूरे बच्चे हैं।, जिन्होंने स्वयं के अंदर स्वयं का बचपन जीवित रखा है। अपने आपको इन कविता से जोड़कर देखिए
मकान की ऊपरी मंज़िल पर अब कोई नहीं रहतावो कमरे बंद हैं कबसेजो 24 सीढियां जो उन तक पहुँचती थी, अब ऊपर नहीं जातीमकान की ऊपरी मंज़िल पर अब कोई नहीं रहतावहाँ कमरों में, इतना याद है मुझकोखिलौने एक पुरानी टोकरी में भर के रखे थेबहुत से तो उठाने, फेंकने, रखने में चूरा हो गएवहाँ एक बालकनी भी थी, जहां एक बेंत