यहाँ एक कविता है जो कोलकाता रेप कांड और उस पर हो रही राजनीति पर केंद्रित है:कांपते दिलों में बसा कोलकाता, आग में जला नारी का सारा सपना। संवेदना की जगह, बस बयानबाज़ी आई, &nbs
इंसाफ की पुकार में खो गया न्याय, सत्ता की गलियों में बिछा डर स्याह। वहाँ की सड़कों पर उठी एक चीख, राजनीति में गुम होती उसकी भीख।लालच और सत्ता की बिछी बिसात
**कोलकाता केस पर राजनीति: एक जटिल परिदृश्य**भारत की राजनीति में कोलकाता का अपना एक विशिष्ट स्थान है। बंगाल की राजनीति पर अक्सर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होती है, और कोलकाता, जो पश्चिम बंगाल की राजधानी ह