
पुराणों में इसका उल्लेख मल्लक्रीड़ा के रूप में मिलता है। कुश्ती की शुरुआत संभवत: उस युग में हुआ, जब मनुष्य ने शस्त्रों का उपयोग नहीं जाना था। पशु बल पर विजय पाने के लिए मनुष्य ने विविध प्रकार के दाँव पेंचों का प्रयोग सीखा होगा और उससे मल्ल युद्ध अथवा कुश्ती का विकास हुआ होगा। ये 'भीमसेनी', 'हनुमंती', 'जांबवंती', 'जरासंधी, 'फ्री स्टाइल कुश्ती', 'सूमो कुश्ती', 'अमरीकन फ्री स्टाइल मल्लयुद्ध', 'श्विंजेन मल्लयुद्ध' के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों में कुश्ती का उल्लेख मल्लक्रीड़ा के रूप में मिलता है। इन उल्लेखों से ज्ञात होता है कि इसके प्रति उन दिनों विशेष आकर्षण और आदर था।
कुश्ती कैसे खेलते हैं?
आधिकारिक अंडर -15, कैडेट्स और बड़े प्रतियोगिताओं के लिए राउंड को प्रत्येक दो मिनट में घटाया जाता है। इसमें दो पहलवान एक-दूसरे के साथ नौ-मीटर व्यास वाले एक-दूसरे के सामने होते हैं, जो प्रतिद्वंद्वी के कंधों को मैट लगाना होता है, जिससे पहलवान को 'फाउल' द्वारा तुरंत जीत मिलती है।