कुसुम गोस्वामी
मैं कुसुम गोस्वामी, दिल्ली की रहने वाली हूं . देश की तमाम जानी-पहचानी मासिक पत्रिकाओं में समय-समय पर कहानियां और कविताएं प्रकाशित होते रहे हैं. आकाशवाणी से भी जुड़ी हूं. वहाँ से मैंने अपनी कहानियां, व्यंग्य और कविताएं प्रस्तुत की हैं. मेरा पहला उपन्यास- मेघना मूल रूप से महिला सशक्तिकरण पर लिखा गया है जिसका उद्देश्य शिक्षा, जागरूकता, साक्षरता और प्रशिक्षण के माध्यम से भारतीय महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाना है। यह समकालीन समाज में कामकाजी महिलाओं द्वारा सामना की जा रही समस्याओं/चुनौतियों पर प्रकाश डालता है और उनके उपचारात्मक उपायों का भी सुझाव देता है। इसमें एक सच्ची प्रेम कहानी भी शामिल है। इस उपन्यास के माध्यम से मैंने सामाजिक मुद्दों को रोचक ढंग से सामने लाने की कोशिश की है। वेबसाइट : https://kusumgoswami.com/
मेघना
‘राजधानी’ जिसके नाम में ही ‘राज़’ चिपका है, उसका रहस्यमयी होना लाज़िमी है। ऊपर से देश की राजधानी दिल्ली जिसके सीने में धौंकते हैं असंख्य दिल धकधक-धकधक। इन्हीं में एक दिल है ‘मेघना’। रोज़ी-रोटी की जुगत में उसके पिता को ठौर दिया दिल्ली ने। घुटने तक झालरद
मेघना
‘राजधानी’ जिसके नाम में ही ‘राज़’ चिपका है, उसका रहस्यमयी होना लाज़िमी है। ऊपर से देश की राजधानी दिल्ली जिसके सीने में धौंकते हैं असंख्य दिल धकधक-धकधक। इन्हीं में एक दिल है ‘मेघना’। रोज़ी-रोटी की जुगत में उसके पिता को ठौर दिया दिल्ली ने। घुटने तक झालरद