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क्या हम अपने विचार को संतुलित नहीं कर सकते जिससे की ये हो रहे अविचारिक क्रत कम हो सके

26 दिसम्बर 2015

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नरेन्द्र सिंह उमठ

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प्रियंका जी मेरे कहने का मतलब ये हे की जो भी काम हम करते हे वो सोचा समझा होना चाहिए उस पर पहले मनन करना अति आवश्यक हे और यही सब को करना चाहिए बस ये सब करने लगे तो शायद कुछ बुरे कामो पर नियंत्रण किया जा सकता हे ये हमारे और सब के लिए हे | पूछने के लिए धन्यवाद

31 दिसम्बर 2015

प्रियंका शर्मा

प्रियंका शर्मा

नरेंद्र जी , क्या आप अपने प्रश्न को थोड़ा विस्तार से बताएं ??? समझ नही पाये ...

28 दिसम्बर 2015

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