महात्मा गांधी एक वह नाम जो एक पार्टी के लिए तारणहार तो एक पार्टी के लिए मारणहार की भूमिका में रहा है और यही कारण रहा कि एक पार्टी उन्हें बचाने में लगी रही तो एक पार्टी ने उन्हें निबटाने में अपनी अहम भूमिका निभाई किन्तु समय बीतते बीतते ऐसा समय आ गया कि मारणहार की लोकप्रियता और जन समुदाय का उनके प्रति
एक कहावत थी "मज़बूरी का नाम महात्मा गांधी" , अब कहावत है " मज़बूरी में नाम महात्मा गाँधी ". गाँधी के विचारों की सच्चाई यही है कि उनके कातिलों को भी उनके नाम का जाप करना पड़ रहा है. सावरकर या गोडसे के नाम से नैया पार होती दिखती नही
आजादी के बाद भारत में कई प्रधानमंत्री बने लेकिन कुछ ऐसे थे जिन्होंने देश की तरक्की के लिए बहुत से अच्छे काम करवाए। उन्हीं में से एक थे राजीव गांधी, जो देश के 7वें और सबसे कम उम्र में बनने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। राजीव गांधी का व्यक्तित्व बेहद शानदार रहे और वे आम जन
गाँधी जी की विरासत के उत्तराधिकारी नेहरू. गाँधी जी ने क्यों नेहरू जी को अपना उत्तराधिकारी चुना? कुछ लोग नेहरू की बुराई करने इस हद तक चले जाते है कि शक होता है कि क्या वाकय पटेल लौहपुरुष थे? 3000 करोड़ की मूर्ति एक लौहपुरुष की य
गाँधी जी जो लोकतन्त्र और प्रजातन्त्र के लिए लड़ रहे थे , वही गाँधी जी राम राज्य की बात भी कर रहे थे? गांधीजी हिन्दुराष्ट्र के विरोधी थे, लेकिन बात रामराज्य की करते थे एक राजतंत्र की. गीता पढ़ते थे, गीता में विश्वास रखते थे, पर युद्ध
कहते है कि महात्मा गांधी की हत्या 30 जनवरी 1949 में नाथू राम गोडसे ने की थी. यह अपने आप में पूरा सत्य नहीं है. यदि हम गांधी और गोडसे को व्यक्ति के रूप में देखे तो यही सत्य है, पर गाँधी और गोडसे को एक विचारधारा के रूप में देखे तो यह अर्ध सत्
पाँच प्रदेशों में हुये विधानसभा चुनावों में तीन विधानसभाओं में कांग्रेस सरकारें बनने जा रही है। कांग्रेस पार्टी द्वारा तीन प्रदेशों में मुख्यमंत्री चुनने की प्रक्रिया की औपचारिकताओं की (औपचारिक) पूर्ती की जाकर विधायक दल द्वारा अंतिम निर्णय लेने का अधिकार परम्परा अनुसार हाई कमान अर्थात राहुल गांधी को
देश के पहले राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के भीतर भले ही उम्मीदवार राजेंद्र प्रसाद और राजगोपालाचारी हो, लेकिन असल में यह पटेल और नेहरू के बीच की अदावत का नतीजा था. आज़ादी के बाद पटेल भी प्रधानमंत्री पद के मज़बूत दावेदार थे. नेहरू के प्रधानमंत्री बनने के बाद पटेल ने संगठन पर
सोनी चैनल पर प्रसारित होने वाला शो कौन बनेगा करोड़पति का सीजन शुरू हो गया है ।शुरू से अब तक कुछ प्रतियोगियों ने अच्छी खासी रकम जीती है और शो का अभी तक का एपिसोड अच्छा ही चला है।ईस बार कई नियम बदल गए और उन्हें कई नई योजनाएं जैसे की घर बैठे खेलो प्रतियोगिता के द्वारा दिया जाता था जिसमें एपिसोड में लोग
फिरोज़ गाँधी का जन्म बॉम्बेमें गुजरात केपारसी परिवार में12 सितंबर 1912 कोहुआ था। वहचार भाई बहनोंमें सबसे
40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले श्री राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और संभवतः दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं जिन्होंने सरकार का नेतृत्व किया है। उनकी माँ श्रीमती इंदिरा गांधी 1966 में जब पहली ब
भारतीय राजनीति में ऐसे गिने चुने ही नेता रहे जिन्हें ना केवल जनता बल्कि राजनीतिक बिरादरी में भी दिली सम्मान मिला। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी भी उन्हीं राजनेताओं में से एक रहे जिन्हें राजनीती से इतर ऐसा सम्मान मिला जो बहुत कम लोगों को मिलता है। दिल्ली के एम्स मे
11 मार्च 1942. फागुन का मौसम था. शाम के 8 बज रहे थे. दूसरे विश्वयुद्ध का दौर था. इंडिया में इससे जुड़ी हर खबर आतंकित करती थी और रोमांचित भी. लोग रेडियो सुना करते थे. बीबीसी लंदन से प्रसारित खबरें. कहां क्या हुआ. क्या किया हिटलर ने, क्या किया अंग्रेजों ने.रेडियो प्रसारक ने
राहुल गांधी ने अपने भाषण को खत्म करते हुए कहा कि आपने मुझे मेरा धर्म समझाया और हिंदू होने का मतलब समझाया, इसके लिए मैं आपका आभारी हूंलोकसभा में अविश्वास प्रस्तान के दौरान एक रोचक वाकया हुआ. जब राहुल गांधी ने अपना भाषण खत्म करने के बाद पीएम मोदी को गले लगाया. अपने भाषण में राहुल गांधी ने सरकार पर जब
आज (2 अक्टूबर) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी औरपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है । 2अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदासकरमचंद गांधी आगे चलकर भारतवासियों के लिए ‘बापू’ बन गए । वहीं ठीक 35 साल बाद, मुगलसराय में शास्त्री ने जन्म लि
आजकल सबसे ज्यादा जी एस टी की हो रही है इसमें सरकार बताती है कि इससे आम जनता का फायदा होगा कैसे ? सरकार ने सब टैक्स अपनी सहूलियत के हिसाब से तय किये है जिससे सरकार को फायदा हो जिससे सरकार की ज्यादा आमदनी होती है सरकार ये भी कहती है कुछ वस्तु पर टैक्स ही
कुछ और ज्ञानवर्धक सामग्री । comments 16) गांधी को समझे (लेखक धर्मपाल जी राजीव भाई के गुरु ) – RajivDixitMp3.Com
वह 1 फरवरी 1948 का दिन था. गांधी का वध हुए दो ही दिन हुए थे. हवाओं में कुछ बेचैनी और माहौल में कुछ उदासी थी. सुबह स्कूल जाते समय कुछ ब्राह्मण बच्चों ने गलियों के कोने में खड़े कुछ लोगों कानाफूसियाँ सुनी थींऔर उनकी धधकती आँखों से उस बातचीत का अंदाजा लगाने की कोशिश कर रहे थे