"In the world copies to be an orignal."
पुर्जों से बना मैं यांत्रिकी का यश था। दंगाइयों ने जला दियाहाँ मैं DTC बस था। वातानुकूलित लाल थासमान्य रंग था हरियाली। देखो ना रंग धुल गयापर गया कोयले सी काली। धर्म निरपेक्ष रहा मैंकरने दी सबको सवारी। फिर क्यों मुझे फुंक दियाआखिर कया गलती थी हमारी। खड़ा हुआ जब भी कोई मुद्द
Pizza खाकर जो मै मोटा हुआसूखी रोटी जो खाया मज़ा आ गयाकरोडों में नहाकर और गंदा हुआचवन्नी जो पाया मज़ा आ गयाश्याम - सुदामा बिछड़े सालों गए बीतआया सुदामा द्वारका, श्याम के चेहरे पर आया स्मितकोई सोना - चांदी वह लाया नहींचावल की पुड़िया जो लाया मज़ा आ गयाबेटा गया disco में, बजाए खतरनाक गानेबोला थोड़ा धीर
बहुत सारे लोगों का मानना है कि जीवन का मात्र एक ही उद्देश्य है और वो है खुश रहना। क्योंकि सभी लोग दर्द और कठिनाई से गुजरते हैं और सोचते हैं किसी भी तरह से खुशी हासिल करना है। वास्तव में, यदि आप अपने चारों ओर देखते हैं, तो पाते हैं कि अधिकांश लोग अपने जीवन में खुशियों का
जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव आते हैं जिसमें इंसान अपने आप को निखारता है और फिर एक पक्का खिलाड़ी बनाता है। हर इंसान हर फील्ड में चैम्पियन नहीं बन सकता है और हर किसी की अपनी-अनपी स्किल्स होती है जिसके हिसाब से व्यक्ति उसमें आगे बढ़ता है। य
सपना का जन्म और प्रारम्भिक लाईफ सपना का जन्म सन 1990 के अंदर हरियाणा के रोहत के अंदर हुआ था ।उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी वहीं पर हुई थी । सपना चौधरी एक मध्यमवर्ग परिवार से संबंधित है। और उनके पिता एक प्राईवेट कम्पनी के अंदर काम करते थे । सन 2002 के अंदर उनके पिता की मौत के बाद सारे घर का भार उनके क