कवि व कथाकार
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<p><em><strong>युद्ध हमेशा टाला जाए<br> दीप वफ़ा का बाला जाए </strong></em></p> <p><em><strong
<p><br></p> <p>क्योंकर जलाये वो, कुछ ख़त महब्बत के<br> लिखवाये हसरत ने, जो तेरी चाहत के //मतला//</
<p>अपने भीतर, तू निरंतर, लौ जला ईमान की<br> तम के बादल भी छंटेंगे, यादकर भगवान की<br> अपने भीतर तू
<p>मैंने इस संसार में, झूठी देखी प्रीत<br> मेरी व्यथा-कथा कहे, मेरा दोहा गीत<br> मैंने इस संसार मे
<p>याद शहीदों की जब आई, आया आँखों में पानी<br> हम एक पल भी न भूले, वीर शहीदों की क़ुर्बानी<br> याद
<p>ज़बानें हमारी हैं, सदियों पुरानी<br> ये हिंदी, ये उर्दू, ये हिन्दोस्तानी<br> ज़बानें हमारी हैं…
<p>अगर इश्क़ का यही दस्तूर है जी<br> मुझे क़त्ल होना भी मन्ज़ूर है जी </p> <p>अजन्ता की मूरत