मै भारत हूँ,
---------------
मै भारत हूँ
हमारे आंगन मे,
अधिकांश लोग,
गरीबी मे जीते है,
श्रमिक है,सेवा करते है,
नेता है.........!
गरीबो के नाम पर ,
नेतागिरी करते है,
गरीबो के दिए जाने वाले ,
हक को हड़प कर,
अमिर बनना चाहते है
मै भारत हूँ।
हमारे नागरीको को,
सही ढंग का जीवन,
प्रदान करने हेतू,
हमारे शुभचिन्तक पुत्र,
लोकतंत्र की स्थापना किये,
तीन स्तम्भ का निर्माण किये,
कार्यपालिका,न्यायपालिका, विधायिका,
कार्यपालिका मे दोष आ गया है,
न्यायपालिका मे नागरिको का शोषण हो रहा है,
विधायिका उल्टे-सीधे फैसले ले कर ,
जनता को परेशान कर रही है।
मै विवस हूं क्या करू,
कौन सा तंत्र लाऊ,
जिसे नागरीक सुरक्षित महसूस कर सके,
बस सरदासपुरी अब एकही रास्ता है,
समय का इन्तजार कर,
समय बदल रहा है ,
सही पथ पर चल,
मै भारत हूँ।
सुनील कुमार'सरदासपुरी'।
सरदासपुर रसड़ा बलिया यू. पी.