मकर संक्रांति (makar Sankranti)
मकर संक्रांति (makar Sankranti) साल का पहला त्यौहार है। इस दिन से खरमास का अंत होता है।और सब मांगलिक काम होने लगते है। इस पर्व के दिन पवित्र नदियों में नहाने और काले तिल का दान किया जाता है।खिचड़ी' का सेवन मकर संक्रांति पर करने से सभी ग्रहों का आशीष मिलता हैं। मकर सक्रांति पर तिल और गुड़ से बने पकवान बनाने और खाने का विशेष महत्व है।
मकर संक्रांति (makar Sankranti) पर सूर्य देव को 'खिचड़ी' का भोग लगाने से इंसान को यश-बल की प्राप्ति होती है और उसके सारो पापों का अंत हो जाता है। आपको बता दें कि इस बार मकर संक्रांति (makar Sankranti) 15 जनवरी दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
इस दिन पतंग उड़ाने का विशेष महत्व है। इस दिन कई जगहों पर पतंग उड़ाने के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। और सभी लोग इसे बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं।
वर्ष भर की बारह संक्रान्ति में दिये जाने वाले दान
1. मेष संक्रान्ति में मेढ़ा (नर भेड़) का दान
2. वृष संक्रान्ति में गौ का दान
3. मिथुन संक्रान्ति में अन्न-वस्त्र और दूध-दही का दान
4. कर्क संक्रान्ति में गाय
5. सिंह संक्रान्ति में सोना, छाता आदि
6. कन्या संक्रान्ति में वस्त्र और गाय
7. तुला संक्रान्ति में जौ, गेहूं, चना आदि धान्य
8. वृश्चिक संक्रान्ति में मकान, झौंपड़ी आदि
9. धनु संक्रान्ति में वस्त्र और सवारी
10. मकर संक्रान्ति में लकड़ी, घी, ऊनी वस्त्र
11. कुम्भ में गायों के लिए घास और जल
12. मीन में सुगन्धित तेल और पुष्प का दान करना चाहिए।
मकर सक्रांति को भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है।
1. तमिलनाडु में यह त्यौहार पोंगल के नाम से जाना जाता है। तमिलनाडु के किसानों का ये प्रमुख त्यौहार है। यहाँ दाल चावल की खिचड़ी पकाई और खायी जाती है।
2. उत्तरप्रदेश में यह त्यौहार खिचड़ी पर्व के नाम से मनाया जाता है। सूर्य की पूजा की जाती है। चावल और दाल की खिचड़ी खायी और दान में दी जाती है।
3. गुजरात और राजस्थान में यह त्यौहार उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन यहाँ पतंग उत्सव का आयोजन होता है।
4. पश्चिम बंगाल में इस दिन यहाँ हुगली नदी के किनारे गंगा मेले का आयोजन होता है।
5. असम में यह त्यौहार भोगली बिहू के नाम से प्रचलित है।
6. पंजाब में इस त्यौहार को लोहड़ी त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।
7. आंध्र प्रदेश में इस 3 दिवसीय त्योहार को संक्रांति के रूप में मनाया जाता है।