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मंजिल

26 अक्टूबर 2021

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तकदीर  ने भटकाया है, वही रास्ता  दिखायेगी 
निकल  पड़े है सफर पर,कभी  तो मंजिल  आएगी
रूह की रूह को  तलाश, कभी तो मुकाम  पायेगी 
अंजान  है राहे,  पर कब तक ये रूलांऐगी 
निकल पड़े है सफर पर, कभी तो मंजिल आएगी ।

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