shabd-logo

मरुत हैं उन्चास और रामचरित मानस

21 दिसम्बर 2021

149 बार देखा गया 149

*सुंदरकांड पढ़ते समय 25 वें दोहे पर विशेष ध्यान दीजिएगा* 

 

*तुलसीदास ने सुन्दर कांड में,  जब हनुमान जी ने लंका मे आग लगाई थी, उस प्रसंग पर लिखा है*

👇


*हरि प्रेरित तेहि अवसर चले मरुत उनचास।*

*अट्टहास करि गर्जा कपि बढ़ि लाग अकास।* *।25।।*


*अर्थात : जब हनुमान जी ने लंका को अग्नि के हवाले कर दिया तो --*

*भगवान की प्रेरणा से* 

*उनचासों पवन* *चलने लगे।*


*हनुमान जी अट्टहास करके गर्जे और आकार बढ़ाकर आकाश से जा लगे।*


*मैंने सोचा कि इन उनचास मरुत का क्या अर्थ है ?*


 *यह तुलसी दास जी ने भी नहीं लिखा।*


 *फिर मैंने सुंदरकांड पूरा करने के बाद समय निकालकर 49 प्रकार की वायु के बारे में जानकारी खोजी और अध्ययन करने पर सनातन धर्म पर अत्यंत गर्व हुआ।*


*तुलसीदासजी के वायु ज्ञान पर सुखद आश्चर्य हुआ, जिससे शायद आधुनिक मौसम विज्ञान भी अनभिज्ञ है ।*

        

*आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वेदों में वायु की 7 शाखाओं के बारे में विस्तार से वर्णन मिलता है*। 


*अधिकतर लोग यही समझते हैं कि वायु तो एक ही प्रकार की होती है, लेकिन उसका रूप बदलता रहता है, जैसे कि ठंडी वायु, गर्म वायु और समान वायु, लेकिन ऐसा नहीं है।* 


*दरअसल, जल के भीतर जो वायु है उसका वेद-पुराणों में अलग नाम दिया गया है और आकाश में स्थित जो वायु है उसका नाम अलग है।*

*अंतरिक्ष में जो वायु है , उसका नाम अलग और पाताल में स्थित वायु का नाम अलग है।*


 *नाम अलग होने का मतलब यह कि उसका गुण और व्यवहार भी अलग ही होता है।*

 *इस तरह वेदों में 7 प्रकार की वायु का वर्णन मिलता है।*


*ये 7 प्रकार हैं-*


*1.प्रवह,* 

*2.आवह,*

*3.उद्वह,*

*4. संवह,*

*5.विवह,*

*6.परिवह*

 *और...*

*7.परावह।*

 

*1. प्रवह : पृथ्वी को लांघकर मेघमंडलपर्यंत जो वायु स्थित है, उसका नाम प्रवह है। इस प्रवह के भी प्रकार हैं। यह वायु अत्यंत शक्तिमान है और वही बादलों को इधर-उधर उड़ाकर ले जाती है। धूप तथा गर्मी से उत्पन्न होने वाले मेघों को यह प्रवह वायु ही समुद्र जल से परिपूर्ण करती है जिससे ये मेघ काली घटा के रूप में परिणत हो जाते हैं और अतिशय वर्षा करने वाले होते हैं।* 

 

*2. आवह : आवह सूर्यमंडल में बंधी हुई है। उसी के द्वारा ध्रुव से आबद्ध होकर सूर्यमंडल घुमाया जाता है।*

 

*3. उद्वह : वायु की तीसरी शाखा का नाम उद्वह है, जो चन्द्रलोक में प्रतिष्ठित है। इसी के द्वारा ध्रुव से संबद्ध होकर यह चन्द्र मंडल घुमाया जाता है।* 

 

*4. संवह : वायु की चौथी शाखा का नाम संवह है, जो नक्षत्र मंडल में स्थित है। उसी से ध्रुव से आबद्ध होकर संपूर्ण नक्षत्र मंडल घूमता रहता है।*

 

*5. विवह : पांचवीं शाखा का नाम विवह है और यह ग्रह मंडल में स्थित है। उसके ही द्वारा यह ग्रह चक्र ध्रुव से संबद्ध होकर घूमता रहता है।* 

 

*6. परिवह : वायु की छठी शाखा का नाम परिवह है, जो सप्तर्षिमंडल में स्थित है। इसी के द्वारा ध्रुव से संबद्ध हो सप्तर्षि आकाश में भ्रमण करते हैं।*

 

*7. परावह : वायु के सातवें स्कंध का नाम परावह है, जो ध्रुव में आबद्ध है। इसी के द्वारा ध्रुव चक्र तथा अन्यान्य मंडल एक स्थान पर स्थापित रहते हैं।*

 

*इन सातो वायु के सात सात गण हैं , जो निम्न जगह में विचरण करते हैं...*


 *ब्रह्मलोक, इंद्रलोक, अंतरिक्ष, भूलोक की पूर्व दिशा, भूलोक की पश्चिम दिशा, भूलोक की उत्तर दिशा और भूलोक कि दक्षिण दिशा।*

 *इस तरह...*  

*7 x 7 = 49* 


*कुल 49 मरुत हो जाते हैं , जो देव रूप में विचरण करते रहते हैं।*

  

  *अद्भुत ज्ञान।* 


*हम अक्सर रामायण, भगवद् गीता पढ़ तो लेते हैं , परंतु उनमें लिखी छोटी-छोटी बातों का गहन अध्ययन करने पर अनेक गूढ़ एवं ज्ञानवर्धक बातें ज्ञात होती हैं ,,

Narsinghnath Shrivastava की अन्य किताबें

1

"मन चंगा तो कठौती में गंगा"

14 नवम्बर 2021
1
1
1

<p>"धर्म एक शाश्वत सत्य नैतिकता का प्रवाह है, जिसमें सभी को डुबकी लगाकर स्वयं को पवित्र बनाए रखना चा

2

*मांस खाना या शव या लाश खाना*

29 नवम्बर 2021
2
1
1

<p>*माँसाहार या शवाहार*</p> <p>〰️〰️🔸〰️🔸〰️〰️</p> <p>मित्रों जिसे हम मांस कहते हैं वह वास्तव में क्य

3

*पौराणिक कथा*

1 दिसम्बर 2021
2
2
1

<p>एक पौराणिक कथा 🙏🙏</p> <p>*🌳 एक प्रश्न जिसके उत्तर देने में 8 पीढ़ियाँ असफल रही - कक्षीवान एवं प

4

बात पूरी सुनकर ही कार्य करें, नहीं तो ?

2 दिसम्बर 2021
1
1
1

<p>*🙏🚩पुरा पढ़ें बिना कुछ पल्ले नहीं पड़ेगा, अतः अवश्य पढ़ें और पुरा पढ़ें आनन्द करें🙏* घर

5

निम्न रक्तचाप, का आर्युवेद, प्राकृतिक, योग और घरेलू उपचार द्धारा निदान

16 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>*#अल्प रक्‍तदाब 🙏🙏🙏 (Hypotension):-*</p> <p><br></p> <p> &n

6

मरुत हैं उन्चास और रामचरित मानस

21 दिसम्बर 2021
1
1
0

<p>*सुंदरकांड पढ़ते समय 25 वें दोहे पर विशेष ध्यान दीजिएगा* </p> <p> </p> <p>*तुलसीदास ने

7

कपालभाति, (यौगिक षटकर्म क्रिया)

22 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>❤️ कपालभाति क्रिया (kapalbhati kriya)</p> <p>प्राणापान समायुकत प्राणायाम इतिरित ।</p> <p> प्

8

*सायं काल भोजन की महत्ता"

24 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>डिनर छोड़ें : आजीवन निरोग रहें।</p> <p>यह आयुर्वेद का सूत्र है—</p> <p>चरक संहिता और अष्टांग संग्

9

तुलसी पूजन दिवस, पौष कृष्ण षष्ठी संवत 2078, शनिवार (25दिसम्बर)

25 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>🙏🙏आज है तुलसी पूजन दिवस, पौष, कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि, सम्वत 2078, शनिवार हर वर्ष (25 दिसंबर )को

10

राजा के 36 गुण, जो आवश्यक है।

26 दिसम्बर 2021
1
0
0

<p>🌷 🌷। । राजा के ३६ गुण । ।❤️ ❤️</p> <p><br></p> <p>चरेद् धर्मानकटुको मुञ

11

हमारा वास्त्विक इतिहास, जो हमें नहीं पढ़ाया गया।

27 दिसम्बर 2021
1
1
0

<p>*कभी पढ़ा है यह इतिहास🇮🇳🔱🚩*</p> <p><br></p> <p>जब औरंगजेब ने मथुरा का श्रीनाथ मंदिर तोड़ा तो म

12

सनातन संस्कृति को जानों

28 दिसम्बर 2021
1
0
1

<p>🐚🌞🐚</p> <p>🌻 *धार्मिक प्रश्नोतरी*🌻</p> <p><br></p> <p>प्रश्न.1.श्री कृष्ण के धनुष का क

13

*दुःख: संयोग वियोग संयोग*

28 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>🙏दुख, संयोग वियोग संयोग 🙏</p> <p><br></p> <p> 🙏 मैं समझती थी/समझत

14

क्यों हम लोग होते हैं रोगी।

30 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p>*#क्यों_हम_और_हमारे_लोग_हो_जाते_हैं_रोगी-*<br> ध

15

विनम्रता और हमारे परब्रह्म परमेश्वर, लड्डू गोपाल जी।

31 दिसम्बर 2021
1
1
0

<p>*🍁ये कथा घर मे सबको जरूर सुनाएं।🍁* </p> <p><br></p> <p>कमल किशोर सोने और हीरे के जवाहरात बनाने और बेचने का काम करता था। उसकी दुकान से बने हुए गहने दूर-दूर तक मशहूर थे। लोग दूसरे शहर से भी कम

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए