*🙏🚩पुरा पढ़ें बिना कुछ पल्ले नहीं पड़ेगा, अतः अवश्य पढ़ें और पुरा पढ़ें आनन्द करें🙏* घर की गृहस्वामिनी अधिक असहज थी। क्योंकि रात को घर में सामूहिक भोज का कार्यक्रम था और वह सभी के लिए पनीर पिज़्ज़ा बनाना चाह रही थी।सारा सामान ले आई थी लेकिन मशरुम लाना भूल गयी थी, और रहती भी शहर से दूर थी पास में कोई दूकान में मिलना असंभव था।
साहब को समस्या बताई गई तो टीवी से दृष्टि हटाए बिना बोले "मैं नगर नहीं जा रहा, यदि मशरुम नहीं डाले तो पिज़्ज़ा बन जायेगा
और अगर फिर भी डालने है तो पीछे जो झाड़ियाँ हैं उसमें लगे हुए है जंगली मशरूम उसमें डाल देना.. गृहस्वामीनी बोली "मैंने सुना है जंगली मशरूम विषैले होते है यदि फ़ूड पॉइजनिंग हो गई और किसी को कुछ हुआ तो?
साहब कहने लगे कुछ नहीं होगा..
गृह स्वामिनी गई और जंगली मशरुम तोड़ लायी,लेकिन वो बुध्दिमान थी,मशरुम सबसे पहले अपने कुत्ते मोती को डाले।कुत्ता खाने के उपरान्त अच्छे से खेलता रहा..🙏चार, पांच घंटे बाद गृहस्वामिनी ने पिज़्ज़ा बनाना प्रारंभ किया और अच्छी तरह धोकर मशरुम को पिज़्ज़ा और सलाद में डाल दिए..। आयोजन भव्य रहा, अतिथियोँ को भोजन आनन्द दायक रहा।, गृह स्वामिनी बर्तन समेटने के बाद अतिथियों के लिए कॉफ़ी बना रही थी तो सहसा बेटी रसोई में प्रवेश हुई और कहा "मम्मी, हमारा मोती मर गया । गृह स्वामिनी की ऊपर की सांस ऊपर और नीचे की सांस नीचे अटक गयी,लेकिन चूँकि वो बुध्दिमान थी इसलिए असहज नहीं हुई, तुरन्त अस्पताल फोन किया और घटना बताई,डॉक्टर ने कहा "क्यूंकि खाना अभी खाया है इसलिए बचाया जा सकता है, सभी लोग जिन्होंने मशरुम खाए हैं उन्हें laxative और Enema देना पडेगा और पेट धुलाई करनी पडेगी।थोड़ी ही देर में स्टाफ घर पहुँच गया और सबका पेट साफ़ किया गया..🙏रात तीन बजे सब लोग आड़े तिरछे शैय्या पर पड़े थे..🙏इतने में घर की बेटी जिसने मशरुम नहीं खाए थे और सारी समस्या से बची थी, अपनी आंसू से भरी हुई आँखों के साथ माँ के पास बैठ गयी और उसके कंधे पर सर रखकर कहने लगी,
कि मम्मी, कुछ लोग कितने निर्दयी होते है, जिस ड्राईवर ने अपनी गाडी के नीचे हमारे मोती को कुचल दिया था वो एक सेकंड भी नहीं रुका, कितना पत्थर हृदय वो था, हाय मेरा मोती", बेचारे को मार दिया।
*नोट:-*
आप कितने भी ज्ञानी और बुद्धिमान क्यूँ ना हो,बात या घटना पूरी सुन लेने में कोई हानि नहीं है।🙏🙏❤️🙏🙏 डॉ त्रिभुवन नाथ श्रीवास्तव, प्राचार्य।