आदमी हर तरह ज़िंदगी चाहता
चाहे जैसे रहे पर खुशी चाहता
आबादियां तो हम से आबाद गईं हें
मजबूरियाँ हमारी फरियाद हो गईं है
आज दमन भिगो देगें तेरा भी हम
भूल सकते नहीं इस जहाँ के सितम
अहसास मेरे दिल का तुमसे जुदा नहीं है
तो है करीब मेरे तुझको पता नहीं है