गजल ____ वी ॰के ॰सोंनकिया।
भले ही छीन के मुझसे तू हर खुशी रख दे, मेरे खुदा तू मेरा नाम आदमी रख दे ।गुलों के कत्ल मे शामिल रहे जो अहले -चमन अब उनके रूबरू तितली की ज़िंदगी रख दे,मेरे बदन पे मेरी तल्खियाँ उभर आई ,मैं जल रहा हूँ मेरी आँख मे नमी रख दे । ये बेहिसाब उजाले रुला न दें मुझको तू एहतिआत से थोड़ी सी तिरगी रख दे । तमाम वेदों