यादें जीवन से जुड़ी हुई, यादों के झरोखे,
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लक्ष्य...'दुनिया जीतने' निकले हो.......और 'एक हार' से हताश हो......कर बैठ गए, तुम्ही ही बताओ.......महज़ एक प्रयास में मेहनत........रंग लाती है कभी ? नहीं ना......?तो फिर क्यों मूर्खतापूर्ण भावों से...
बेटियाँ...बाबुल के घर से चली जाती है...ये बेटियाँ बहुत सताती हैं...फिर कहाँ लौट करके आती है...ये बेटियाँ बहुत सताती है...लोरियां गा के मां सुलाती थी...रोने लगती तो वो हंसाती थीं...उंगलियां थाम कर चली