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इश्क

6 नवम्बर 2024

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अभी तुमने देखा नहीं इश्क परवाने का,
ये नाम ही है ख़ुद से अपने गुज़रने का।

हर गम पे ये साकी मुझे याद आता है,
रास्ता भूल न जाऊँ कहीं इस मैख़ाने का।

अपने प्यार का अफ़साना सुनाने वालों,
फ़िर क्यों डर लगता है इस जमाने का।

अब तो हर शाम गुज़रती है उसी कूचे में,
आँख साकी की उठे नाम हो पैमाने का।

मंज़िल ए ग़म से गुज़रना तो है आसाँ,
कोई ऐसा मरहम नहीं तुझे भूलाने का।
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रचनाएँ
दास्तान-ए-गजल
5.0
सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।
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तुम्हारे लिए

29 अक्टूबर 2023
7
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1

तुम्हें भी कुछ आता होगा मेरा ख्याल तो कभी,ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल तो कभी ।तेरे पूछे गए दिल के प्रश्नों का उत्तर हम देते रहे,क्यों उलझा देते हो इन सुलझे सवाल तो कभी।अजीब हो गया है हाल ए दिल मेरा

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क्या करे

29 अक्टूबर 2023
6
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1

भुल गए हैं तेरी बातों को अब उन यादों का क्या करे,रास्ते अब बदल गए हैं अब इन मुलाकातों का क्या करे।जनम जनम की सदियों में भी नहीं मिलना तेरा मेरा,फिर कुछ बचा ही नही अब इन रोकर हालातों का क्या करे।तुम्हा

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दर्द

29 अक्टूबर 2023
5
5
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तुझे इश्क करने वाले कम ना होगें,मगर भीड़ में कभी हम ना होंगे।इस दर्द को भी हम पी लेते,जो ये आंखें हमारी नम ना होंगे।घाव तो गहरा दिया है तुमने,उस दर्द के कोई मलहम ना होंगे।दिलों की बातें तो होती ही रहे

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एहसास

29 अक्टूबर 2023
6
6
0

ये जीवन साज़ है कोई आगाज़ तो नही,मोहब्बत ज़रूरी है ये कोई रिवाज़ तो नही।इश्क का बुखार समझ नहीं आया,उस मरीज़ का फिर कोई इलाज़ तो नही।मौसम की तरह तुम बदले हो हमेशा,हम कभी बदले ये हमारा मिज़ाज़ तो नहीं।ज

5

खामोशी

29 अक्टूबर 2023
5
5
0

अपने ही हालातों से छूटे हुए हैं,देखो कैसे खुद से ही रूठे हुए हैं।न रिश्ते न अब कोई चाहत रही,बंदगी के हर दौर से छूटे हुए हैं।कौन अपना है ये वक्त बताएगा,अपनो की दुआओं से लूटे हुए हैं।चन्द शब्दों में सब

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किसका है

29 अक्टूबर 2023
5
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0

तुम्हारे किताब में सुखा गुलाब किसका है,भेद खुल गया बता दो ये नाम किसका है।वो भेजे गए खत तुमने बिना पढ़े जला दिए,एक बार पढा तो होता ये पयाम किसका है। दगा तो तुम हमेशा से ही करते आए हो,तुम्हें याद

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कोई बताए

29 अक्टूबर 2023
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कोई बताए कहां बसी हैं उनकी बस्ती,जिसे देखने के लिए हरदम आंखें हैं तरसती।नदी और सागर का मिलन तो नहीं है,लेकिन फ़िर भी देखो कैसे बंधी है इनकी कस्ती।कीमत तो तूने कभी नहीं पहचानी मेरी इसलिए हमे

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धड़कन

29 अक्टूबर 2023
6
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0

मेरी धड़कन सब कुछ बयां करे मेरे एहसासों मे इश्क बनकर रहे।तेरा प्रेम क्यों अधूरा सा लगे, निर्मल हवा बन तु मन में बहे।तुझे ही हरदम निहारते रहुं, बागों में जैसे सुंदर गुलाब खिले।वह मधुर स्

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चाहत

29 अक्टूबर 2023
5
6
0

जिंदगी भी चुप सी बन गयी हैं अब, रिश्तों के जैसे बहाना बन गयी हैं अब।कौन समझेगा इन एहसासों को , तन्हाइयों का निशाना बन गयी हैं अब।बदलते हैं यहां हर पल रिश्ते , गमों का ठिकाना बन गय

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ख़बर

29 अक्टूबर 2023
5
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उन्हें सब ख़बर थी लेकिन कहते हैं पता नही हैं,वो कहते हैं अब इसमें मेरी कोई खता नही हैं।दिन रात केवल आंसु ही बहाते उनके सामने हैं,वो कहते हमें इस ज़ख्म की कोई वफ़ा नही हैं।दिल पर हमारे हमेशा घाव

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हसरत

29 अक्टूबर 2023
5
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उनको दर दर वो भटकते देखते है,उनके जख्मों को बोते देखते है।कभी जिंदगी को रोते देखते है,बदनसीबी को उदास देखते है।गरीबो के दुख सहे नही जाते, उन्हें फुटपाथ पे सोते देखते है।दर्द से भरी हैं अब ये हसरत

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प्रेम

29 अक्टूबर 2023
5
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मैंने तुम्हारे एहसासों से प्रेम किया,यह वह हीरा है जिसे पाकर मैं स्वर्णिम हो गई..मैंने तुम्हारे शब्दों से प्रेम किया,यह वह कलम है जिसे पाकरमैं प्रेममय हो गई ..मैंने तुम्हारी गजलों से प्रेम किया,य

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दूर हो गया...

29 अक्टूबर 2023
5
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0

उसने नहीं चाहा हमें, हमने तो चाहा था उनको, अलग है उनके दिल के जज़्बात, कुछ देर रहा फिर दूर हो गया....चौराहे पर बैठे रहे हम, बिछड़े साथी की राह देखते, राहों का मुसाफिर ख्वाबों में आया, कुछ दे

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तुम

29 अक्टूबर 2023
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0

तुम खुश होते हो इसलिए मैं मुस्कराती रहती हूं,तुम मेरे संगीत हो तुम्हें देख मैं गुनगुनाती रहती हूं।वक्त कैसा भी हो तुम मेरे ही बनकर रहना,जाना नही रूठ कर मैं तुमको मनाती रहती हूं।अब सिर्फ़ एक ही तमन्ना

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लम्हें

29 अक्टूबर 2023
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6
0

तुझे मेरी आंखे निहारती रहती हैं,अकेले में भी तुझे तलाशती रहती हैं।तेरी ही बातों को याद करते हैं,कैसे ये मेरा वक्त गुजारती रहती हैं।तुम मेरे दीया मैं तेरी बाती बन चाहतों को पन्नों पर उतारती रहती ह

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जुदा होता है

29 अक्टूबर 2023
5
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0

हमारा तो सोचने का अंदाज जुदा होता है,ये जिंदगी जीने का हर राज जुदा होता है।लिखने बैठे हैं हम अब अपने एहसासों को,मेरी कलम लिए हुए कल से आज जुदा होता है।हौसले है मेरे बुलन्द आसमानों को छूने का,खतरों से

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बातें

29 अक्टूबर 2023
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बात मोहब्बत की होगी तब तेरी मेरी ही होगी,खुशी थोडी अपने दिल में पर आंखें नम भी होगी।हर रंगों में रंग कर हमेशा खोए रहते हो अंबर में,हमारी मीठी-मीठी बातें क्या साथ हमेशा होगी।हंसना खेलना साथ-साथ लड़ना झ

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बारिश की बूंदे

29 अक्टूबर 2023
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0

देखो यह बारिश जमकर कैसे बरस रही है,झूम झूम कुछ गुनगुना रही हैं ये बारिश की बूंदे।ये नमीं जैसे आज किसी की याद दिला रही है ,हौले हौले दिल धड़का रही हैं ये बारिश की बूंदे।हवाएं तो चल रही थी चारों ओर इन फ

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हरपल

29 अक्टूबर 2023
5
4
0

यह धड़कने सब कुछ बयां करता है,मेरे एहसासों में तू इश्क सा रहता है।देख तुझे मेरी आँखोंं का तारा बन तु,बागों में जैसे सुंदर गुलाब खिलता है।तेरा वह मधुर स्वर संगीत गानाप्रिये ,धड़कन में मेरी रस घोलता है।

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तेरे वादे

29 अक्टूबर 2023
5
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0

बेखौफ हो तेरे किए वादे अब उधार मिल रहे है,तेरे इश्क में लिखे हुए शेरों के पग़ार मिल रहे है।मेरे प्यार के इजहार को तो तुमने ठुकरा दिया,प्रिये फिर क्यों शिकवे गीले बेशुमार मिल रहे हैं।देखो कैसे गुलाब भी

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बरसात

29 अक्टूबर 2023
5
6
0

कैसे बरस रहा है ये बरसात का पानी है,बिजली कड़के नदियां सागर तूफानी है।झूम झूम गोपियों संग नृत्य करे श्याम, बंसी की धुन पर थिरके जिंदगानी हैं ।सावन में झूला झूले मोरनी बन नाचे,राधा झूल रही झूला हो

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नफरत

29 अक्टूबर 2023
5
6
0

दर्द का बेहद अंबार हो गया,रिश्तो का जब कारोबार हो गया।मोहब्बत तो उनसे अथाह थी,नफरतों का भयंकर दीदार हो गया।रिश्तों का टूटना आम दिखता है,अपनेपन का अब देखो संसार हो गया।उनका इंतजार अब नही करते हैं,जिंदग

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जिन्दगी

29 अक्टूबर 2023
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ये जिन्दगी मुश्किल कभी आसान लगती हैं,हर बार ये नए प्रश्नों से परेशान लगती हैं।जो लोग कल तक मेरे साथ रहा करते थेंवही रिश्तों में कोई बोझ अंजान लगती हैं।भूल गए हैं जब से अपने चलती राहों को,बीते हुए वक़्

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याद

29 अक्टूबर 2023
5
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जब भी यह पवन चलती है, तेरी याद दिलाकर निकलती है।दिल पर ये जो नाम तेरा हैं,वो तेरी याद आने पर ढलती है।इशारों में बाते करती हैं,जैसे मेरी तक़दीर बदलती है।प्रेम राहों पर नही मिलता हैं,ये दिल की दुका

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अभी जिंदा है

29 अक्टूबर 2023
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जिंदगी की राह अभी जिंदा है,चाहतों की बहार अभी जिंदा हैं।कितनी राह देखी तुम ना आये,मोहब्बत का श्रृंगार अभी जिंदा है।नसीब करवटे लेता रहा अकेले में,दिल की हर झंकार अभी जिंदा है।तुमसे ही ये जिंदगी है मेरे

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लम्हा

29 अक्टूबर 2023
4
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क्या अंधेरी जगमगाती भीगी सी रात है,चाँद और सितारों की कैसी मुलाकात है।रात में उजाला हैं और दिल में अंधेरा, सुनी सुनी सी अब लगती ये कायनात है।हर लम्हा ही अब हम तुम्हें याद करे,दिल के भीतर आ रही या

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बेइंतहा

29 अक्टूबर 2023
4
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0

यूं तुम कब तक हमें दर्द देते रहोगे,कभी तो ये आलम तुम्हारे भी होंगे।तुम्हे सिर्फ अपना प्रेम दिखाई दिया,वो भी तुम्हें बेइंतहा मोहब्बत करते होंगे।तुम जोश में हो उफनते दरिया को देख,मगर सैलाब से कई घर उजड़े

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गुनाह

29 अक्टूबर 2023
4
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0

किसके लिए अपनी राह बदलते जाऊं,क्या गुनाह करूँ जो बेगुनाह हो जाऊं।यह दुनियादारी मुझे समझ नहीं आती,मैं फिर से उस बचपन में खो जाऊं।यह दुनिया मुझे अनपढ़ समझती हैं,कौन सा शब्द लिखूं जिसे पढ़ जाऊं।इस

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नाराजगी

29 अक्टूबर 2023
4
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नाराजगी ठीक थी पर तुम क्रूरता दिखा गए,गिरगिट रंग बदलता है तुम अपना रंग बता गए।प्यार प्यार कहके तुम अब नफरत निभा गए,विश्वास क्यों इस तरह मेरा कुछ ऐसा तोड़ गए।मेरे इस प्यार पर इल्जाम क्यों तुम लगा गए,अब

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शर्त

29 अक्टूबर 2023
4
4
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टूट न जाये कोई बन्धन शर्त ये लगाये बैठी हूं।कभी दर्द तो कभी खुशी को दबाये बैठी हूं।कितने वर्षों से लिऐ हुए हुं आंखों में ख़्वाब,न जाने दिल मे कितने कर्ज उनके चुकाये बैठी हूं,देख न ले कोई अब आंसुओ को इ

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डरावनी बरसात

29 अक्टूबर 2023
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0

जिंदगी डरावनी बरसात के जैसी होती जा रही है,उम्र की तमाम बूंदों को निगलती ही जा रही है।जलती है अंधेरों में रोशनी वक्ते स्याह रातों में,तूफानों की तेज हवाओं से बदलती ही जा रही है।डरावनी बरसात रात

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छोटी सी बात

29 अक्टूबर 2023
4
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0

बिना बोले बहुत कुछ बोल जाना छोटी सी बात है, तेरा पास आकर यूं दूर चले जाना छोटी सी बात है।कैसे कहे अब हम तो आज भी आपके वही दोस्त हैं, उन आंसुओं के साए में खामोश हुए छोटी सी बात है।तेरा पास आक

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क्यों करते हो

29 अक्टूबर 2023
4
5
0

जो लम्हे गुजर गए उन्हें प्यार क्यों करते हो,उलझकर अपनी जिंदगी बेजार क्यों करते हो।धोखा देना ही सदैव जिनकी रही फितरत में, ऐसे लोगों पर अब ऐतबार ही क्यों करते हो।वक्त ने केवल अकेलापन ही दिया हैं हम

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समझ लेना

29 अक्टूबर 2023
4
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यादों के इस वन में सुंदर खिलता गुलाब समझ लेना,साथी मेरे मुझ को अपने दिल का फूल समझ लेना।नींद टूटने पर जैसे कोई सपना हम भुल जाया करते,चुका नहीं पाये कभी जिसको वह महसूल समझ लेना।माना कि चुभती

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उम्मीद

29 अक्टूबर 2023
4
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0

तुम आज़ाद रहना चाहतें क्यों हो,फिर हमें रिश्तों में उलझाते क्यों हो??जो किसी के भाग्य में नहीं हो सकता,उनके करीब हर पल जाते क्यों हो??जिन्हें अब प्यार से मतलब नही,उनसे गलत उम्मीद लगाते क्यों हो??ये भा

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मेरी कलम

29 अक्टूबर 2023
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0

सोच रही हूं टूटे दिल को लेकर क्या वो ख़्वाब लिखूंगी,कलम से आज डायरी में न जाने वो हिसाब लिखूंगी।सोचा मैंने लिख लेती हूं यादें बीते वक्त की अपनी,फिर देखा मुड़ कर जो पाया मैंने वो खिताब लिखूं

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सुकून

29 अक्टूबर 2023
4
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0

सुखी रोटी के भी स्वाद का निवाला होता था,कच्चे मकानों की भी बसती मतवाला होता था।सुबह सूरज का उगना बड़ी रौनक सा था,अपनेपन का जैसे हर दिल में खेला होता था।गरीबी में भी मेहनत का खूब सुकून था,फिर क्यों ना अ

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दिल

29 अक्टूबर 2023
4
4
0

मेरे इश्क का असर उन्हें नहीं हुआ, दिल टूटने का अफ़सोस नहीं हुआ। क्या मिला तुम्हें यह सब करके,अब दिल किसी काम का नहीं हुआ। हमने हर रुप में तुम्हें अपनाया,फिर हमसे क्यों इश्क नही हुआ।हर अ

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अंधेरे रास्ते

29 अक्टूबर 2023
4
5
0

अंधेरे रास्ते और चारों ओर तूफ़ान घनघोर हैं,दीवारें टुट गई और दरवाजे भी हैं कमज़ोर हैं।इन बुझते दिये को देख मन घबराता बहुत हैं,मेरे टूटते दिल की आवाजों का बहुत जोर हैं।कांटे भरे राह पर चलना कोई मुश्किल

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खामोशी

29 अक्टूबर 2023
4
5
0

अब ये किस्सा पुराना हो गया है,तुम से बिछड़े ज़माना हो गया है। तुम्हें याद करके हम बहुत रोते हैं,तेरे मोहल्ले में आना जाना हो गया है।खामोश सी धड़कन ज़िंदा तो है, उसका इश्क अब बेईमान हो गया है

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किस्मत

29 अक्टूबर 2023
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5
0

अपनों से ही अपनों को बगावत करते देखते है,किस्मत के खेल में सपनों को टूटते देखते है।तितलियां उड़ती है इन बहारो के गुलशन में।इन हवाओं को भी गुलशन में महकते देखते है।इश्क की कसक लिए विश्वास भी टूट

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सफर

29 अक्टूबर 2023
4
5
0

हमने अपने सपनों को पल पल तड़पते देखा है,तेरी यादो में इस दिल को पल पल जलते देखा है।हमारे हर सफर की मंजिल में साथ तुम ही हो,उन राहों पर भी हरपल तुम्हें याद आते देखा है।कभी न खत्म होगा तेरे लिए मेरा इंत

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संगीत

29 अक्टूबर 2023
4
5
0

जिंदगी की यही पुरानी रीत है, हर सांस में बसता संगीत हैं।सात सुरों के यह सरगम है, हो रहा जैसे कोई संगम है।कोयल सी बोली का आभास हैं,नदियों की लहरों का आवास है।प्रकृति के कण-कण में छुपा है,&nbs

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गुलशन

29 अक्टूबर 2023
4
5
0

बागों को पता है कि फूल गुलशन में ही खिले हैंसबको पता है की जिन्दगी के क्या सिलसिले हैं।दिल हमारा देखो ये भी तक कोई इंतिहा तो हैं,जाने कितनी नदियां तक ये सागर से जा मिले हैं।मौसम को पता है बारिश का आना

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आइना

29 अक्टूबर 2023
4
5
0

आईने से जरा पर्दा कर के देखते हैं, ख़ुद को इतना तन्हा कर के देखते हैं।दीवारों को छोटा करना नामुमकिन है,अपने क़द को ऊँचा कर के देखते हैं।दरिया ने भी नीर नही दिया प्यासों को,दरिया को भी प्यासा कर क

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हम तुम

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

कब तक चलेगा लड़ना झगड़ना,नही आता हैं तुम्हें प्यार जताना।समझाये कैसे इस टूटे दिल को, क्या इसे समझे अब कोई बहाना।तुम्हारा छुपकर देखना गंवारा नही,तुमसे मुझे कभी बात नहीं करना।अच्छे या बुरे जैसे भी

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सफर

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

सफ़र में चलते जब भी हम भी गिरने लगे, रास्ते सारे जिन्दगी के जाने पहचाने लगे।उन्होंने भी जीने मरने की कसमें खाई थी,वक्त रहे उनके असली चेहरे नज़र आने लगे।वह वार करने के इंतजार में ही बैठा था,करीब उ

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पहेली

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

हर बार जो देखूं हर बार नया लगती है,वो जादूगर हैं कोई जादू सा करती है।खिलती हैं बागों में कली बनकर हर बार,गुलशन में बाहर और आंखों में मस्ती है।कोई पहेली बनकर उलझ सी जाती हैं,बहते हुए जल में जैसे दरिया

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शब्द

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

जिंदगी बहुत शोर मचाती है,अनकहे शब्दों से मिलाती हैं।कभी चलती कभी रुकती हैं,शब्दों की कीमत चुकाती है।मेरे अल्फाज़ भी कुछ लिखते है,अपनी ही कलम को चलाती है।लेखन इन शब्दों का अजब है,खुद से ही हर बात

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कुछ बाक़ी हैं

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

खुशियां ही खुशियां होती थी इन बहारों में,सिमट गया सब ,केवल एहसास ही कुछ बाक़ी हैं।तुझें भुलने की कोशिश हर बार की हैं मैंने, कभी हो जाऊँगी कामयाब ये आस कुछ बाक़ी हैं।बड़े अरमान से इस दिल में रहा क

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मेरा हाल

31 अक्टूबर 2023
4
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0

मेरा हाल पूछकर करते क्यों ये सवाल है, मैं अभी भी जिंदा क्यों हूँ बस मलाल यही है।अच्छे से जानते है मुखौटा कौन पहना है,आता हमको बार बार बस यही ख्याल हैं।वक्त के साथ तुम कितने बदल गए हैं,अफसोस

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अकेले

31 अक्टूबर 2023
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0

ख्वाब से अब मैं धीरे धीरे जागने लगी हूं,जिंदगी को पहले से बेहतर समझने लगी हूँ।कभी उड़ती थी शायद तितली बन हवा में,न जानें अब जमीन पर पैदल चलने लगी हूँ।तेरे इश्क की अब हमको जरुरत नहीं है,जब से तुम्हारें

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जादूगर

31 अक्टूबर 2023
4
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0

जब भी उसे देखूं तो नया लगता है,वो जादूगर कोई जादू सा करता है।हर मौसम में रंगो सा खिला रहता,वह तो हर पल हर रंग में जंचता है।कुछ तो बातें हैं उसकी अदाओं में,जब जब वो मेरी आंखों में बसता है।खुश होती हुं

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क्यूँ नही

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

जब तुमसे गुस्सा होती थी तो मनाते क्यों नहीं थे,अपने पास बुलाकर सीने से लगाते क्यूँ नही थे।तुम्हें पकड कर तेरा हाल पुछूंगी मैं तुमसे हमेशा,हक अपनेपन का मुझ पर तुम जताते क्यूँ नही थे।तुम तो बस यही

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प्रेम

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

प्यार का कोई मौसम नही जब हर बात लगे निराली, नैनो को अश्रुओं से सींचे जब प्रेम दिखे खाली खाली।प्यार हमारा धुआँ धुआँ दिल की जब से जली पराली सफर रहेगा जारी किन्तु तू पात पात मैं डाली डाली।&nbsp

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अनकहे शब्द

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

जिंदगी बहुत शोर मचाती है,अनकहे शब्दों से मिलाती हैं।एहसास जिंदा रहने की बहुत, शब्दों की कीमत चुकाती है।सारे अल्फ़ाज़ बेकरार हो गये,अपनी ही कलम को चलाती है।अनकहे शब्दों का लेख अजब, खुद

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धड़कन

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

यह धड़कने सब कुछ बयां करता है,मेरे एहसासों में तू इश्क सा रहता है।देख तुझे मेरी आँखोंं का तारा बन तु,बागों में जैसे सुंदर गुलाब खिलता है।तुम्हारा वह मधुर स्वर सा संगीत, प्रिये धड़कन में मेरी रस घ

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सफलता

31 अक्टूबर 2023
4
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0

खुद तकदीर अपने हाथ से लिखते जाओ तो,जिंदगी की किताब खुद से पढ़ते जाओ तो।असंभव कुछ भी नही अगर तुम ठान लो तो, एकाग्रता से अगर आगे बढ़ते जाओ तो।वो और होगे जो डर जाते है तूफां के सामने,जंग की हर

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जज्बात

31 अक्टूबर 2023
4
5
0

जज्बातों की आँधियों में जब डूबे क्यों फसाये तुम,इस मोहब्बत की राह में मेरे मन को सिर्फ़ भाये तुम।कैद थी दिल के झरोखे में ख्यालों की तस्वीर तेरी,क्यूं फिर से मुझे आंसू देने के लिए लौटकर आये तुम।चाहत के

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जादुई शाम

31 अक्टूबर 2023
4
4
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देखो वक्त के महलों से गुजर रही है जादुई शाम बला-ए-दर्द को किधर ले जा रही है जादुई शाम। इश्क़ सी बेताब सी फ़ैली आसमां में इसे देखो, धीरे धीरे सी मगर मुस्कुरा रही है ये जादुई शाम ।तु

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क्या करे

31 अक्टूबर 2023
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भुल गए तेरी बातों को अब उन रिश्ते नातों का क्या करे,रास्ते अब बदल गए हैं अब इन मुलाकातों का क्या करे।जनम जनम की सदियों में भी नहीं मिलना तेरा मेरा,फिर कुछ बचा ही नही अब इन रोकर हालातों का क्या करे।तुम

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नज़र

31 अक्टूबर 2023
4
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नजरो से नज़र मिले शबाब आ जाने देजज़्बात बनकर ये सैलाब आ जाने दे।इश्क की कहानी भी कुछ कहती है, ज़रा अपने दिल का ज़बाब आ जाने दे।वास्तविकता को बदलते देर नहीं लगती, अपनी नींदों में

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मोहब्बत

31 अक्टूबर 2023
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यूं तुम कब तक हमें दर्द देते रहोगे,कभी तो ये आलम तुम्हारे भी होंगे।तुम्हे सिर्फ अपना प्रेम दिखाई दिया,वो भी तुम्हें बेइंतहा मोहब्बत करते होंगे।तुम जोश में हो उफनते दरिया को देख,मगर सैलाब से कई घर उजड़े

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गुलाब

31 अक्टूबर 2023
4
4
0

इन गुलाबो से मेरा पूरा आंगन महकता है, इन्हें देखो कैसे आँगन में यह लहराता है।भीनी सी महक यह प्रभावित करता हैं, दिल का हर कोना कोना अब चहकता हैं।गुलाब के पौधों में भी कलियाँ

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अधूरी रह गई

31 अक्टूबर 2023
4
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इच्छा थी तुम्हें पाने की लेकिन वो अनकही रह गई,तुम्हारे ही इंतजार में पता नही जिंदगी अधूरी रह गई।तुम्हारे प्रेम पत्र को पढ़कर हम दौड़े दौड़े चले आए,तुमसे मिलने की चाहत अब तो जैसे अधूरी रह गई।तुम्

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सफलता

31 अक्टूबर 2023
4
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मैं जिंदगी के हर पन्नों को हर दिन पढ़ती हुं,तरक्की करने के लिए नया मौका ढूंढती हूं।हर पल कैसे वो मेहनत का घूंट पीते हैं, मौका पाकर अपने कद को तौलती हूं।सारी क़यामत सप

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तुम मेरे हो

31 अक्टूबर 2023
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मेरे मन को ज़रा तुम कभी अपने पास रखूं,प्रिये हम से न जुदा कभी कोई एहसास रखूं।ये दिल तुम्हें क्यों याद करता है हमे बताओ,तुम आओगे ना मिलने मै यह विश्वास रखूं।तुम्हारे बिना दिल का आंगन सुना सुना सा ह

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शीशे सा दिल

31 अक्टूबर 2023
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टूट गया शीशे सा दिल शर्त ये लगाये बैठी हूं।कभी दर्द तो कभी खुशी को दबाये बैठी हूं।कितने वर्षों से लिऐ हुए हुं आंखों में ख़्वाब,न जाने दिल मे कितने कर्ज उनके चुकाये बैठी हूं,देख न ले कोई अब आंसुओ को इन

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किरदार

31 अक्टूबर 2023
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मन जब मेरा कर्षित हुआ,अश्रु बहकर प्लावित हुआ।मैं कविता तुम मेरे कवि हो, कलम से लिख संचित हुआ।हमने किरदार निभाए हैं, ये नाटक खुद मंचित हुआ।मुझ से तुम और तुम से मैं,दिल हमारा विस्तृत हुआ।प्रेम

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जीवन

31 अक्टूबर 2023
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कभी हँसना है कभी रोना है,बस यही जीवन का तराना है। जीवन सबका बहुत मूल्य है,पर तुम्हें खुद को नहीं खोना है।आँखे नम है चमक इनमे कम है,फिर भी निरंतर बढ़ते ही जाना है।पैसा शोहरत केवल एक तमाशा है ,अपने

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बरसना

31 अक्टूबर 2023
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ऐ बरसात तुझे भी देख लेंगे कभी मेरे आँगन में बरसना,तेरी बूंदो से आंखें सेंक लेंगे कभी मेरे आँगन में बरसना।वक्त का हर दौर बरसात की बूंदे बनकर जैसे बरस रहा है,इशारे समझ थोड़ा खेल लेंगे कभी मेरे आँगन में

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मैंने

31 अक्टूबर 2023
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अपने सपनों को जगा लिया मैंने,खुशी से यह दिन बिता लिया मैंने।इस समुंदर को मुझे दिखाना था, इसलिए रेत का घर बना लिया मैंने।परछाई भी न अब ढूंढ पाए मुझे,खुद को अंधेरे में कर लिया मैंने।खुशियों क

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सफर

31 अक्टूबर 2023
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तुम हिम्मत करते क्यों नहीं,सफर अकेले कटते क्यों नहीं।उजालों की अपनी मर्जी होती,अंधेरों से दिल डरते क्यों नहीं।मिलो चहरे पर मुस्कान लिए,दो घड़ी में दिल भरते क्यों नहीं।जिंदगी की कांटों भरी राहों

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इंसानियत

31 अक्टूबर 2023
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जिसे लोग चांद तारों में देखते तू वही विज्ञान है क्या,मिलती रही फिर भी हार जिसे वही अभिमान है क्या?यहां कानून न्यायधीश सब तुम्हारे ही इशारे पर चलते,वही कानून जो कुछ भी न देखे उसकी पहचान है क्या?इस पुरी

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पिता

31 अक्टूबर 2023
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रोज़ आँखों में वो नया गम छिपाते हैंपिता इन दिनों जरा कम सो पाते हैं. रखते हैं खुशियां सबकी ख्वाहिशों का,अपने लिए ही कपड़े कम सिलवाते हैं।फोन पर बात करते ब्याही बिटिया से व्यस्त हूं बोल आंसू

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अपने

31 अक्टूबर 2023
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मेरे दिल को ज़रा तुम खुद के पास रखो,प्रिये हम से न जुदा कभी एहसास रखो।क्यों तुम अब इतने खफा खफा रहते हो,हम दुखी हैं तुमसे जरा कुछ विश्वास रखो।कौन कहता है गैर कभी अपने नही होते,मेरे अपने हो तो हमे

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मेरे शब्द

31 अक्टूबर 2023
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ये फिजओ देखो आज मेरी डायरी के पन्ने भी बोल रहे हैं,जो हमेशा से दबकर रहते है वो अक्षर भी मुँह खोल रहे हैं।है जितने भी दर्द तेरे, तूम हर इक दर्द मुझमें ही लिख दो, फिर मेरी इन डायरी के सा

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आजाद ख्याल

31 अक्टूबर 2023
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वहां पहुँच कर क्या करनाजहाँ लगते न हो हम ऊँचें,यूँ ही व्यर्थ की बातों में तुमन अपना समय बर्बाद करो,आजाद करो उन ख्यालों सेजो आगे न तुम्हें बढ़ने देते,जो कहीं बढाते कदम हो तुमतो हर पल ही तुमको रोकें,मत ड

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नजअंदाज

31 अक्टूबर 2023
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अपने चेहरे के पीछे वो हमेशा कातिलाना अंदाज रखते हैं बड़े जालिम वो, बेहिसाब मोहब्बत को नजअंदाज करते हैं।आंखों से देखती हरपल उनकी नजरें हमे दीवाना करती है,हम भी उन्हें देख देख शर्मा कर इश्क का

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सुनहरी शाम

31 अक्टूबर 2023
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ये मंज़र है उन अदाओं के बहती हुई हैं सुनहरी शाम, अरे ओ दिल मेरे तू चल मोहब्बत की हैं ये सुनहरी शाम।ये अपनी जिंदगी मेरे सनम तुम्हारी ही पनाहो में हैं,

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लापता

31 अक्टूबर 2023
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शम्मा नहीं पिघलती इसमें परवानों की क्या खता है,ज़ुनून है मुहब्बत को पाने की फिर महफ़िल से लापता है।मुहब्बत मुहब्बत ही रहे अब ये तो सवाल पुख्ता हैं, इसे कोई कुछ भी इल्ज़ाम न दो मेरे रब का वास्त

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तेरे बिन

31 अक्टूबर 2023
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जिंदगी अब मेरी भी मुस्कुराएगी,अपनी किस्मत से गुल खिलायेगी।तन्हांई में ही जीते मरते हैं तुम्हारी,हमारी चाहत कभी निखर जायेगी।अड़चन बहुत हैं इश्क की राह में,काँटो की यह दीवार गिर जायेगी।तुम ही मेरे सब कु

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तलाश

31 अक्टूबर 2023
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जिंदगी तेरे लिए अभी कुछ तलाश बाकी हैं,ये दिन भी गुजर जायेगें अभी प्यास बाकी है । तु पास होता तो दिल के जख्म मेरे दिखा देते,तेरी आने की अभी भी कितनी आस बाकी है । उदास रहते है ये दिल के दर्द त

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इज़हार

31 अक्टूबर 2023
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प्यार का इज़हार क्यों करते नहीं हो,इश्क है हमसे तो क्यों जताते नहीं हो।लोगों का काम तो है कहते रहना,दर्द तुम अपना क्यों दिखाते नहीं हो नफ़रतों की आग भड़कते ही हैं, प्यार दिल में क्यों जगाते नह

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तेरी राह

31 अक्टूबर 2023
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तलाश करोगे तो कोई मिल जाएगा,मगर हमारी तरह कौन तुम्हें चाहेगा।मानते हैं तुम्हें हर कोई प्यार से देखता,मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा।न जाने कब तेरे दिल पर दस्तक हो,दिल का कमरा ख़ाली है तो कोई आएगा।मै

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अंदाज

31 अक्टूबर 2023
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अपने किस्मत का आगाज अलग रखते हैं,अपने जीने का तो अंदाज अलग रखते हैं।हमेशा हम सत्य के मार्ग पर चलते रहते हैं।अपनी बातें करने का राज अलग रखते हैंबताए कैसे कि वो पल बहुत याद आते है,अपनो के दि

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मंजिल

31 अक्टूबर 2023
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जलाकर खुद को रोशनी कर सको तो चलो,गम सह कर भी खुशियां बांट सको तो चलो।छोटी खुशियों में प्यार ढूंढ सको तो चलो,तुम अपना कोई नया रंग बना सको तो चलो।माना कि मंजिल दूर है कदम बढ़ा सको तो चलो,मुश्किल होगा सफ

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थकान

31 अक्टूबर 2023
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अपने ही ग़म से गुज़रती हूँ,कभी जीती तो कभी मरती हूँचलना और फिर रुक जाना,डूबकर फिर से उभरती हूँ।दिल में दर्द को छिपाए हुए,खुद से ही जंग लड़ती हूँ।थक चुकी हुं हर दर्द से अब,अपनी ही परछाई से डरती ह

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चिराग़

31 अक्टूबर 2023
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चिराग़ तेज हवाओं में भी जलाते है,जिन हवाओं ने उलट दी बिसातें है।क्या कभी चेहरे भी पढ़े हैं तुमने जो अक्सर किताबों करते बातें हैं।हम अंधरो में भी आगे बढ़ते हैं,बिताई हमने अकले कई राते है।अपन

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तुम ही हो

31 अक्टूबर 2023
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बहुत से ख्वाब हैं तुम उन में से एक ही हो,प्रेम सा ख्याल हैं तुम उन में से एक ही हो।खुशियां तेरे पास में ही आ कर मिलती है, दिल की बात हैं तुम उन में से एक ही हो।मेरी कलम से तुझे पर सारी गज़ल

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प्यार

31 अक्टूबर 2023
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वो ख़ूबसूरत लम्हा का दीदार तो हुआ होगा,अपने घुटनों पर बैठ कर इजहार तो हुआ होगा।झूठा या सच्चा ये प्यार तो बाद की बात है, उसकी गलतियों से भी कुछ प्यार तो हुआ होगा।ख़्वाबों में सिर्फ उसे देखने की चा

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एहसास

31 अक्टूबर 2023
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एहसासों का एक आसमान अभी और भी है,हमारी तुम्हारी जान पहचान अभी और भी है।वक्त बीतेगा जिंदगी हरपल बदलते जायेगी,हमारी मोहब्बत के निशान अभी और भी है।नसीब में जो लिखा न हम जानते और न तुम,अपने पन की एक जुबान

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तेरी खुशी

31 अक्टूबर 2023
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तेरी खुशी के लिये खुद को तुझसे जुदा कर दिया,हमने तो मोहब्बत में तुझ को ही खुदा कर दिया।अब तो फ़रिश्ते भी मेरे घर का पता पूछतें हैं,कि कौन है जिसने इश्क़ को ही सदा कर दिया।तेरे दिये ज़ख्म भी तो तुझसे प

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इल्ज़ाम

31 अक्टूबर 2023
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तूझे कैसे हमने इस दुनिया से छुपा रखा है, तेरे लिए हमने खुद को ही संभाल रखा है।क्या मेरा पैगाम पहुंचेगा तुम्हारी आंखों में नजर अंदाज करने का जो पर्दा डाल रखा है।कभी अपने वादों को तुमने

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हालात

31 अक्टूबर 2023
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अपने ही हालातों से छूटे हुए हैं,देखो कैसे खुद से ही रूठे हुए हैं।न रिश्ते न अब कोई चाहत रही,बंदगी के हर दौर से छूटे हुए हैं।कौन अपना है ये वक्त बताएगा,अपनो की दुआओं से लूटे हुए हैं।चन्द शब्दों में सब

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पता नही

31 अक्टूबर 2023
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उन्हें सब ख़बर थी लेकिन कहते हैं पता नही हैं,वो कहते हैं अब इसमें मेरी कोई खता नही हैं।दिन रात केवल आंसु ही बहाते उनके सामने हैं,वो कहते हमें इस ज़ख्म की कोई वफ़ा नही हैं।दिल पर हमारे हमेशा घाव

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घाव

31 अक्टूबर 2023
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तुझे इश्क करने वाले कम ना होगें,मगर भीड़ में कभी हम ना होंगे।इस दर्द को भी हम पी लेते,जो ये आंखें हमारी नम ना होंगे।घाव तो गहरा दिया है तुमने,उस दर्द के कोई मलहम ना होंगे।दिलों की बातें तो होती ही रहे

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तेरी बाते

31 अक्टूबर 2023
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तुझे मेरी आंखे निहारती रहती हैं,अकेले में भी तुझे तलाशती रहती हैं।तेरी ही बातों को याद करते हैं,कैसे ये मेरा वक्त गुजारती रहती हैं।तुम मेरे दीया मैं तेरी बाती बन चाहतों को पन्नों पर उतारती रहती ह

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प्रकाश

31 अक्टूबर 2023
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अंधेरे रास्ते और चारों ओर तूफ़ान घनघोर हैं,दीवारें टुट गई और दरवाजे भी हैं कमज़ोर हैं।इन बुझते दिये को देख मन घबराता बहुत हैं,मेरे टूटते दिल की आवाजों का बहुत जोर हैं।कांटे भरे राह पर चलना कोई मुश्किल

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यादें

31 अक्टूबर 2023
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भुल गए हैं तेरी बातों को अब उन यादों का क्या करे,रास्ते अब बदल गए हैं अब इन मुलाकातों का क्या करे।जनम जनम की सदियों में भी नहीं मिलना तेरा मेरा,फिर कुछ बचा ही नही अब इन रोकर हालातों का क्या करे।तुम्हा

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एहसास

26 जनवरी 2024
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मैं हमेशा तुझे अपनी धड़कन में सुनती हूं,मैं अपने लबों से तुझे मेरे गीतों में गाती हूं।मेरी ज़िन्दगी की खूबसूरत दुनिया हो तुम,राह पर चलकर जैसे कोई मंजिल मिलती है।गहरे से एहसास मे हरपल बसे हो तुम,ना जान

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पागल सा इश्क

13 फरवरी 2024
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मुलाकात होती हैं रोज फिर भी अंजाने हैं।दिल में प्यार छिपा रखा है जैसे दीवाने हैं।बेपरवाह पागल सा इश्क महकता है हमारा,मयखाने में नशे की खुमारी लिए बहाने है।चाहतों का सिलसिला रोज उनसे मिलता है,उफ

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तुम जानते हो

21 फरवरी 2024
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बस गई हुं तेरे दिल में इस कदर ये तुम जानते हो,अब तुम हमसे इश्क करो या दगा ये तुम जानते हो।इन सुंदर सुंदर वादियों में कहीं खो जाऊंगी मैं,अब रास्ते में फुल हो या कांटे ये तुम जानते हो।मैं एक एहसास बनकर

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आजाद पंछी

25 फरवरी 2024
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कैसा प्यार वो हरपल जताता है,जैसे किसी बंद कमरे में दम घुटता हैं।एहसास को जिंदा रखते है हम,वो शब्दों की कीमत चुकाता है।अगर स्वार्थ है तो भरोसा क्यों नहीं,शक की दीवार वो ऊंची उठाता है।सारे अल्फ़ाज

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यादें

1 अगस्त 2024
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ये कैसा प्रेम जिसमें हम तुम्हें याद आए नहीं,लेकिन कभी भूल से भी हम तुम्हें भुलाए नहीं।आँखों में अक्स मेरा लिए हमसे इश्क करते हैं,क्या मज़बूरी है उनकी हमे कभी ये बताए नही।जमाने के दौर ने इस क़दर सुलझा

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यादें

1 अगस्त 2024
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ये कैसा प्रेम जिसमें हम तुम्हें याद आए नहीं,लेकिन कभी भूल से भी हम तुम्हें भुलाए नहीं।आँखों में अक्स मेरा लिए हमसे इश्क करते हैं,क्या मज़बूरी है उनकी हमे कभी ये बताए नही।जमाने के दौर ने इस क़दर सुलझा

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सिर्फ तुम

1 अगस्त 2024
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प्रिये तुम ही बहुत हो इस दीदार के लिए,तुम्हारी मौजूदगी काफ़ी है खुमार के लिए।पता नहीं मिले तुमसे कितने सदी के बाद, शुक्रिया मेरे सनम इस इंतज़ार के लिए।तू चाँद मेरा इस चकोर को अब क्या चाहिए,क्या ज

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कुछ याद

6 अगस्त 2024
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कभी हमें भी याद किया तो होता,हमारे भी जज़्बात को पढ़ा तो होता।तुमसे है यह शिकायत शिकवा हमें,हमसे कभी बात करके देखा तो होता।वो गुजरी पुरानी यादें मोहब्बत की,कभी प्यार का इज़हार किया तो होता।आके देखो फि

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तन्हाई

18 अगस्त 2024
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इश्क का वो दौर फिर आयेगा,तन्हाई का वो शोर फिर आयेगा।नशा मुहब्बत का लिए बैठे है,दिल जब बन के शज़र आयेगा।जब-जब यहां बारिश बरसेंगी,आंखों से भी आंसू बाहर आयेगा।दिल मेरे तू धड़कना बंद हो जा,कभी सनम में ख़ु

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प्रेम

21 अगस्त 2024
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गुलाब से भला कांटों को कौन अलग कर सका है,महक तभी खत्म होती जब फूल मुरझा सका है।किया हो जिसने प्रेम कभी उनसे जाकर ये पूछे,खुशियां का जो कारण बने उसे कौन भुला सका है।हमने अपने इस हृदय में हमेशा तु

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बग़ावत

24 अगस्त 2024
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शराफत मुखड़ा ओढ़कर दिखता है,जलालत का ही व्यापार दिखता है।यकीन ना हो तो करीब से देख लो, अदावत का ही आधार दिखता है।सभी एक दूसरे से नफ़रत करते है,गिरावट का ही कारोबार दिखता है।रिश्तों का अधूरापन शेष

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चाहत

29 अगस्त 2024
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हमें उसके प्रेम की रोज दावत मिली है,यादों से सुकून और दर्द से राहत मिली है।तुझ बिन इन महफिल में सुना सुना लगता,भीड़ और तन्हाई में भी तेरी चाहत मिली है।हम तुम रहते हैं अगल अलग शहरों में,फिर भी एक दूसरे

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मोहब्बत

1 अक्टूबर 2024
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दिल को भी इसमें हारना पड़ता है,तब कहीं नसीब में प्यार आता है।प्रेम का ये रिश्ता बडा नाजुक हैं,यूं ही नही कोई इसके द्वार आता है।लहरें उठती है जैसे इस समंदर में,वैसे ही इश्क का भी ज्वार आता है।आती हैं ज

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मंज़िल

5 अक्टूबर 2024
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एक उम्मीद लगाए आसमां में सब उड़ना चाहते है। वे ऊंचाइयों पर पहुंच मंजिल को पाना चाहते है।हिम्मतवाला ही सागर से मोती को निकाल लाया, डर के तूफानों से कश्ती पाने हर कोई नहीं जाते है।जो सो कर ही

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कुछ चाहते हैं..

9 अक्टूबर 2024
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अपनी ही आशिकी का जुर्माना चाहते हैं,मोहब्बत का एक प्यारा नजराना चाहते हैं।उम्र भर हमारा हाथ पकड़कर साथ चलोंगे, हम इस विश्वास का एक तराना चाहते हैं।जब भी मिलो हमसे निगाहों से बात करना,हमारे दिल पर

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सफ़र

24 अक्टूबर 2024
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हम तुम्हारे लिखे शब्दों की आवाज़ हूं,एक ख़ामोशी लिए दर्द का आगाज हूं।तुम्हारे बारे में सोच आंसु छलक आये हैं,ये जिन्दगी समझ न पाई वो एक राज हूं।आकार तो देखो ये सदियां गुजर रही है, कारवां गुजरा इस

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जिंदगी

24 अक्टूबर 2024
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खुशियों का एक अरमान लिए चलते हैं। चेहरे पर एक मुस्कान लिए चलते हैं। जिंदगी छोटी है खुलकर जी लो सभी,अपनी खुद की पहचान लिए चलते हैं।उस आसमां को भी छूना है एक दिन,सपनों मे अपनी जान लिए चलते हैं

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इश्क

6 नवम्बर 2024
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अभी तुमने देखा नहीं इश्क परवाने का,ये नाम ही है ख़ुद से अपने गुज़रने का।हर गम पे ये साकी मुझे याद आता है,रास्ता भूल न जाऊँ कहीं इस मैख़ाने का।अपने प्यार का अफ़साना सुनाने वालों,फ़िर क्यों डर लगता है इस

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तुम्हारे लिए..

15 नवम्बर 2024
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हमने उनसे अब के अपना रार ठान लिया है,क्योंकि उनकी फितरत को पहचान लिया है।सच ही कहा है इश्क में सब तबाह हो जाता,इसलिए अपने आपको मुल्जिम मान लिया है।कमाल का दर्द दिया तूने रो सके न हंस पाए,पथिक हैं,इन क

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