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मन दर्पण

Meenakshi Suryavanshi

40 अध्याय
41 लोगों ने खरीदा
182 पाठक
31 मई 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 978-93-94647-30-5
ये पुस्तक यहां भी उपलब्ध है Amazon Flipkart

कविता हमारी संवेदना के निकट होती है। वह हमारे मन को छू लेती है। भावनाएं दिल की शब्दो में जब समाए बनकर कविताएं कागज़ पर उतर जाए एहसासों का समर्पण लफ़्ज़ों को कर अर्पण मन दर्पण को सजाएं कुछ मन के सवाल कही मोह का जाल किसी के हृदय की पीर कुछ यादों की ताबीर प्रीत के रंग अनोखे कुछ छल और धोखे जीवन के हर रंग कराए रूबरू मन दर्पण में सजाए हर अहसास 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 

man darpan

0.0(12)


Bahutttttttt hi shandaar collection 👌👌👏👌


Ati sundar


Nice..

पुस्तक के भाग

1

आसमान भी जीत लेंगे हम..

6 मई 2022
121
59
13

अगर चाहे संपूर्ण विकास तोकमजोरी ढूंढना छोड़ दोप्रयासरत रहे निजी विकास मेंदूजे से लड़ना छोड़ दोप्रतिस्पर्धा हो विकास कीलेकिन छल कपट का न हो नामप्रयास भरसक कीजिएपर याद रखें किसीका ना हो अपमानफिर देखिए स

2

भ्रूण हत्या

6 मई 2022
47
27
7

क्या गलती थी आखिर मेरी जो मैं इस जग में ना आ पाई क्यों आने से पहले ही , मेरी दे दी गई विदाई क्या मुझे हक नहीं था जीने का मैंने भी एक मां पाई थी क्रूर स्वार्थों कि बेदी पर क्यों बलि मेरी गई चढ़ाई ज

3

ख्वाब

7 मई 2022
24
20
5

आओं हम तुम अधूरे ख्वाब मिला ले। मिलकर फिर पूरा सपना सजा ले।।अलग-अलग नैनों के दर्पण के झरोखों में,कुछ कारिगरी छुट जाती है,उम्मीद टूट जाती हैं।मुस्कुराते चन्द्रमा पर हया का टिका लगा ले,&nbs

4

प्यारी माँ......

8 मई 2022
22
22
2

बच्चों के हर एक गुनाह को जो पल भर में धोती है माँ की ममता अद्भुत होती है..... बचपन से लेकर आज तक जब भी भूख के मारे भरते थे हम आह जिस हाथ ने हमें खिलाया वो है मेरी प्यारी माँ..... जब भी कोई मुसीबा

5

एक शब्द मां.

8 मई 2022
17
14
2

आज कोरे कागज पर लिखा सिर्फ एक शब्द मां और कागज रंगीन हो गया मानो खुशियों से भर गया जैसे तपती धूप में पथिक को छायादार वृक्ष मिल गया जैसे नीर तलाश कर रहे तृषित को नदी का मुहान मिल गया जैसे सखी टहनियों प

6

किताब

9 मई 2022
18
15
4

किताबों से हम रोज करते हैं बातें, इसको पढ़ने से होती है ताज़ा यादें इसमें सारे शब्द कोष आसानी से मिलते किताबे ही ज्ञान का है भंडार खोलते, हर मुश्किलों को यह आसान बनाते किताबे ही हमें है सम्मान दिल

7

मैं पापा की परी हूं

10 मई 2022
17
13
6

मैं अपने पापा की प्यारी सी परी हूं पापा अपने जज्बातो को आँसूओ मे बहा नहीं पाते पापा हैं न प्यार जता नहीं पाते... मेरी खुशी में खुश बहुत होते हैं लेकिन खुशी जता नहीं पाते पापा हैं न एहसासो को दिख

8

मीठी यादें

11 मई 2022
16
14
3

मेरी आँखों में बसी हैं बीते लम्हों की मीठी यादें खुशियों से ये याद कर आँखें झट से भर आये, वो बचपन गुजरा था जो घर के आंगन में बारिश में मैं भीगा करती थी जिसमें वो सावन बरसता था, याद आई मुझे माँ न

9

इंतजार

11 मई 2022
15
15
5

वह होकर भी नहीं साथ मेरे मैं किससे करूं इकरार प्रियतम जरा भीड़ से हटो मैं भी कर रही हूं इंतजार... इंतजार करूंगी तुम्हारा बस अपना हाल-चाल हम तक पहुंचाते रहना चेहरे पर हंसी दिल में खुशी रखना प्यार

10

कंप्यूटर

13 मई 2022
15
11
5

वाह रे कंप्यूटरक्या सुंदर तेरा परिवारसारे जहां में देखतेरा ही है दीदारकितने सुंदर प्यारे न्यारेहै तेरे यह बच्चेव्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, फेसबुकऔर You tube जैसे सच्चेसैमसंग,सोनी, वीवो, रेड

11

आक्रोश

14 मई 2022
5
5
2

किया जो नुकसान इतना खुद का हीसोचता होगा किसका है दोषकहा था तुझे मत समेट क्रोध कोफूटेगा एक दिन बन आक्रोशजानता हूं तू निश्छल हैनहीं छल कोई तेरे मन मेंनिरंतर तोड़ा और छेड़ा गया तुझेतभी उपजा ऐसा क्रो

12

नारी

14 मई 2022
5
2
1

नारी जगत के सम्मान से आलोकित हो या धरा इनकी प्यारी मुस्कान से हर्षित हो जहां हमार इनको हमेशा आगे बढ़ने दो शिक्षा की पावनता से समानता समता देकर इनको शिखर पर चढ़ने दो मुक्त करो अब इन्हें बंदिशों

13

उसकी सादगी...

14 मई 2022
3
4
1

थोड़ा सा पागल तो थोड़ा सा नादान लगता है उसकी आंखों में छिपे कोई सपना सा लगता है.. उसके पास बैठ जाए तो सुकूं की सांस लगती है ताजे जख्मों में लगे मरहम के एहसास सा लगता है.. अपना बनाने का हुनर तो उसे खूब

14

हालात ए दिल

18 मई 2022
2
3
1

लौट कर आ जाओ यह दिल तुम्हें याद करता है तुम दूर हो हमसे लेकिन तुम्हारे ही बात करता है....... खोई सी रहती हूं मैं सरसराहट करती है ढलती जैसे शाम की लाली विरह वेदना बरसात करती है....... बहुत सुना सुन

15

प्रेम

18 मई 2022
2
3
1

ढाई अक्षर का शब्द है प्रेम अगर प्रेम सच्चा हो तो सिर्फ फरवरी महीने का नहीं होताप्रेम तो जन्मों का होता हैप्रेम में व्याप्त हैं सारा संसार प्रेम तो केवल प्रेम हैइसका कोई मोल नहीं हैऔर ना

16

पल

18 मई 2022
3
4
2

मुझे तेरी याद और ज्यादा आती हैं आजकल।तुम नहीं हो पास बस हैं,तेरे चुरायें हुए पल।।तेरी यादों के सिरहाने में,मैं ही तो रहता हूँ।तेरी जुदाई के गम़,हँस हँस के सहता हूँ।। कैसे बतायें याद में तेरे,हो ज

17

जिंदगी

18 मई 2022
5
5
2

जिंदगी ये है,तेरे बिन है जिंदगी। तू नहीं तो फिर ये कैसी है बंदगी।। तेरी ही जरूरत मुझको लगने लगी। तू मिली तो,जिंदगी खुबसूरत लगने लगी।। कुछ बहाना प्रकृति ने भी किया हैं। हमें मि

18

क्या करे

19 मई 2022
2
3
1

भुल गए हैं तेरी बातों को अब उन यादों का क्या करे,रास्ते अब बदल गए हैं अब इन मुलाकातों का क्या करे।जनम जनम की सदियों में भी नहीं मिलना तेरा मेरा,फिर कुछ बचा ही नही अब इन रोकर हालातों का क्या करे।तुम्हा

19

खोया - खोया चाँद

19 मई 2022
4
4
3

जाने क्यूँ आसमां भी लगता आज परेशान हैलगता है जैसे अपनी ही उलझनों में उलझा खोया खोया सा ये चाँद हैं...क्यों खुश नही क्यों नाराज हैदिखती नहीं क्यों उसमें आज रौनक हैक्या किसी ने

20

प्रेम पत्र

19 मई 2022
2
3
2

वह दिन रंगते जुनून का सोच अजीब सा नशा छाया खो गए उन पुरानी यादों में जब अक्सर बातें हुआ करती थी वादों में, तब बातें नहीं अक्षर बयां करते थे प्यार पहले दोस्ती फिर ख्वाहिश मिलने की और फिर इजहा

21

पुस्तक

19 मई 2022
2
2
2

तुमनें जबसे मेरे दिल में दी दस्तक। तूझे ही मैं पढ़ूँ,तू मेरी पसंदीदा पुस्तक।। माथे की बिंदिया पढ़ूँ तो उड़ जाए निंदियाँ। सूर्ख लबों को स्पर्श करने की हैं पाबंदियां।। नहीं मैं कोई अ

22

प्रेम के साथ

19 मई 2022
5
4
2

प्यार तो प्यार हैं,जैसे रब की हो बात। विश्वासघात और बदला,नहीं प्रेम के साथ।। मन में बैर भाव हो तो,प्यार नहीं किया जाता। बदला वाला मन लेकर,इजहार नहीं किया जाता।। सच्चे प्यार की यहाँ

23

यादों के पन्ने

20 मई 2022
6
3
2

आज यादों के पन्ने को पलटकर देखा तेरे संग बिताए हर लम्हें याद आए, जब से तुम बिछड़े हो यारा तेरी याद में हम तन्हाँ तन्हाँ से जी रहे हैं, शराबी तो नहीं थे मगर तेरी हर एक याद संग एक एक जाम पी रहे हैं, तुझ

24

असंभव कुछ नहीं....

21 मई 2022
4
3
2

वहां पहुँच कर क्या करना जहाँ लगते न हो हम ऊँचें, यूँ ही व्यर्थ की बातों में तुम न अपना समय बर्बाद करो आजाद करो उन ख्यालों से जो आगे न तुम्हें बढ़ने देते जो कहीं बढाते कदम हो तुम तो हर पल ही तुमको रोकें

25

एक शाम

21 मई 2022
3
3
2

मैं अकेली पथिक पर रुकी न कहीं इस सफ़र में मेरा हमसफ़र भी नहीं ये तनहाईयाँ तुझको न परेशां करें आजा तुझको एक शाम बना जाऊँ मैं मुझे काँटों पे सोना ही भाता सनम क्यों कि खारों में पलना हुआ है मेरा शूल चुभते

26

बेटे

22 मई 2022
37
36
16

मजबूत उनके कंधे और समझदार है वे गर शान हैं बेटियां तो बेटे घर की जान प्यारी सी मुस्कान दिखने में लगे शैतान चौका देते हैं मुश्किल समय में थामे घर की कमान मां के दिल का टुकड़ा और पिता का सुकून बहनो

27

बेचारी

23 मई 2022
6
6
5

मैं बेचारी तू बेचारावह भी क्या कम लाचार हैअगर मैंने छोड़ा घर तो क्यातू खेत बचाने को नहीं आयाउसकी भी क्या बात करें हमजो छोड़ अपनों को पछतायाविदाई में गर मां रोई मेरीतो लौट कर आने परतेरी भी आंखें हुई हो

28

वो अपने

25 मई 2022
4
5
3

कदमों की आहट और मन की मुस्कुराहट दोनों को भापे सिर्फ अपने उत्साहित करें हरदम खुली आंखों के दिखाए वह सपने जो न कदर कर उनकी और बनाया उनका हास्य सोच लो कंचन को छोड़ अपनाये वो कस्य पल प्रतिपल डूबे

29

गुमराह गली

26 मई 2022
3
3
2

न लगाओ पहरे कि जिन रास्तों से है उनका आना-जाना कि भला क्या छुपा रखा है जो चाहे कोई तुमसे पाना मुद्दतें इश्क की दवा है वहाँ या फिर छुपा रखा कोहिनूर भला ऐसी कौन सी दौलत जिसके बल पर दिखाएं

30

इश्क़

26 मई 2022
1
2
1

इश्क बेपरवाह बेपनाह नहीं जो हर कहीं झुक जाए जिसका माली हो खुद ईश्वर वह बगीचा भला क्या सुख पाए इश्क सूरज है रोशन है दुनिया इससे उसी से घनेरी रात है कौन कहता है अकेला है वह रात में भी देखो चांद उसके

31

महफिल

26 मई 2022
1
1
1

मंजिरे महफिल क्या उन्हें मिलेगी जो सबको ठुकराते हैं अपनों की हंसी उड़ा कर अपनी महफिल सजाते हैं खुद की शेखी बघारने को दूसरों को दिखाएं वह नीचा जाने वो क्यों भूल जाते हैं उनकी मेहनत से ही उनक

32

आभार आपका

27 मई 2022
3
1
2

करती हूं आज मैं दिल से आभार आपका बंधन से आजाद कर दिया आपने मुझे जिससे मैं खुले आसमान में उड़ तो सकी और उन बादलों से बात तो कर सकी..... करती हूं आज मैं दिल से आभार आपका अनपढ़ कहकर जो खुद मेरा

33

रूठना मनाना

28 मई 2022
2
2
1

लगता है मान गए वो उनके चेहरे पर आई मुस्कुराहट हम तो तैयार बैठे ही थे उनके मन में भी जागी चाहत खैर छोड़ो जिद रूठना मनाना तो सिर्फ एक बहाना है भला उनसे क्या करें शिकायत जिन से रिश्ता पुराना ह

34

शायर की जिद

28 मई 2022
3
3
1

क्या खूब शायर ने आज शायरी है लिखने की ठानी भला क्या है आज उसके मन में जो करने लगा मनमानी बेखौफ लिख रहा है ना जाने कितने होंगे उससे नाराज नहीं करता वह चापलूसी छोड़ दिये उसने शब्दों के स

35

दिया तले अंधेरा

30 मई 2022
7
7
6

कहो कैसे करूंमैं जग उजालाजब खुद को ही नामिला समृद्धि का सवेराअब तलक भवन बनातेउम्र बीत गईपर न बना खुद का डेराउम्र गुजर बीत गईअब क्या बताऊंक्या तेरा क्या मेराक्यों ना मान लियापहले ही होतादिया तले अंधेरा

36

दिल की बातें 

30 मई 2022
3
3
1

सोचती हूं तुझसेदिल की बातें बयां करूंलेकिन अल्फाज नहीं मिलतेसोचती हूं तुझसेदिल ए हालात बयां करूंलेकिन अल्फाज कम पड़ेजब भी जताना चाहादिल के जज्बातों कोआंखों के आंसू भी कम पड़ेना तू सुनता है ना समझता हैक

37

भयानक रात

30 मई 2022
3
4
2

जब अपना कोईछोड़ देता है साथवही है जीवन कीभयानक रातजब होते हैं अपनेतो हर काम होता पूराजो ना रहे वह साथ तोवह जीत कर भी अधूराराते भयानक नहींउजाली सी हो सकती हैजो साथ है अपनों कातो हर रात दिवालीसी हो सकती

38

अँधरे रस्ते..

30 मई 2022
1
2
1

ज्ञान के दीपक जला लेबना ले कुछ सच्चे साथीबस यह न पूछ किसके वास्तेतू नादान है मेरे अनुभव से काम लेतुझे उजाले में आगे मिलेंगे अंधेरे रास्तेबेफिक्र ना रहे जब तक साथ हूं सीख लेआगे उलझन भरा है रास्तायह मत

39

चाँद

30 मई 2022
2
2
1

जाने क्यूँ आसमां भीलगता आज परेशान हैलगता है जैसे अपनी हीउलझनों में उलझाखोया खोया सा ये चाँद हैं...क्यों खुश नही क्यों नाराज हैदिखती नहीं क्योंउसमें आज रौनक हैक्या किसी नेउसे भी बेखर कियाया लाकर छोड़ दि

40

मनमौजी

30 मई 2022
4
3
3

क्यों नहीं सुनता किसी की फिरता रहता है मनमौजी लगता है उसे अब तक नहीं मिला उसका खोजी जो ढूंढ लेता उसके मन के बवंडर जान लेता उसका मर्म सारे दर्द चुन लेता दिल से उसके समझ पाता उसके कर्म जानता जो उसके अके

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