सीधे और सरल शब्दों में
अपने मन के एहसास लिखती हूं,
मन के जज्बातों को
हकीकत में उतारती हूं,
सच कहे तो "मेरी कलम से"
अपने मन की बातें
कोरे पन्ने पर लिखती हूं।
जिंदगी की जुस्तजू और मन में उठते भाव,
कोई नजरअंदाज करे कोई सुने लेकर चाव,
एक प्रसंग पढ़कर ही न विचार बनाइयें,
पूरी पुस्तक पढ़कर खुद को तो दोहराइए,
जो गुम न हुए खुद में ही तो हमे बताएं,
सच कहे क्या इन भावो से आप खुद भी बच पाएं,
यदि पसंद आये तो हौस