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अमीर बनने का फॉर्मूला

29 नवम्बर 2021

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अमीर बनने का फ़ॉर्मूला
सबसे पहले अमीर है कौन ? कोई सिर्फ पैसों से ही अमीर नहीं हो सकता । वास्तव में अमीर वह व्यक्ति होता है जिसे काम करे या न करे, दुनिया में रहे या न रहे - आमदनी आना बंद न हो यानि जिसके पास मनमाना पैसे, उन पैसों को खर्च करने का पूरा समय और पूरी सुरक्षा मौजूद हो । लेकिन अमीर कोई बनता कैसे है ? तो यह जानना जरूरी है कि अमीर बनने का एक फॉर्मूला होता है जिसके अनुसार कोई गरीब भी काम करे, तो वह निश्चित रूप से अमीर बन सकता है । जो भी व्यक्ति दूसरों के समय, दूसरों के नॉलेज और दूसरों के पैसों का उपयोग करना जानता है वह अमीर बन सकता है । जैसे - टाटा । टाटा देश-विदेश में अपने शोरूम खोलता है और उसपर स्टाफ बहाल करता है । टाटा का स्टाफ अपने परिवार के लिए आठ घंटे काम करता है । लेकिन उस समय में टाटा के लिए भी आठ घंटे काम हो जाता है । अब अगर टाटा के मात्र एक लाख शोरूम ही मान लिया जाए, तो टाटा के लिए 24 घंटों के अंदर आठ लाख घंटे काम हो जाता है । अपने परिवार के लिए आठ घंटे काम करनेवाले स्टाफ को सिर्फ आठ घंटों के काम की आमदनी मिलती है जबकि टाटा को आठ लाख घंटों की आमदनी मिल जाती है और वह अमीर हो जाता है । जैसे - सहारा इण्डिया के सुब्रतो राय । उसने समूचे देश में अपने ऑफिस खोल लिए । उन ऑफिसों में मैनेजर बहाल किए और उन्हें एजेन्ट्स बहाल करने को कहा । मैनेजर्स और एजेंट्स ने ट्रेनिंग ली और दी भी तथा मान लेते हैं कि सभी एजेंट्स को लोगों के एक-एक लाख रुपए जमा करवाने का टार्गेट दिया । अब श्री राय ने अपने अपने स्टाफ और एजेंट्स के नॉलेज का इस्तेमाल किया और सैकड़ों मैनेजर्स के माध्यम से करोड़ों रुपए इकट्ठा कर लिए और बन गये अमीर । गौर करनेवाली बात है कि श्री राय ने लोगों के नॉलेज और पैसों का इस्तेमाल किया और अमीर बन गये । इन अमीर लोगों के पास समय, पैसा और सुरक्षा तीनों मौजूद हैं । तो इस तरह हम देखते हैं कि जो भी व्यक्ति इस फॉर्मूले पर काम करेगा वह अमीर बन जाएगा ।
अब सवाल उठता है कि अगर अमीर बनने का यही फॉर्मूला है, तो लोग गरीब क्यों हैं । इसका जवाब यह है कि सबके लिए टाटा जैसे शोरूम खोलने अथवा सुब्रतो राय जैसे ऑफिस खोलना संभव नहीं । साथ ही बहुत-से लोगों को गरीबी की जिन्दगी ही पसंद होती है । वे अमीर बनने के लिए आवश्यक परिवर्तन अपनी जिन्दगी में नहीं करना चाहते और गरीबी में ही जिन्दगी गुजार देते हैं । वे लोग अमीर बनने के सभी अवसरों को शंका की दृष्टि से देखते हैं । वे छोटा-मोटा रिस्क भी नहीं लेना चाहते । 21 वीं सदी में इनके लिए शानदार अवसर है नेटवर्किंग बिजनेस । इस बिजनेस में बहुत कम पूँजी लगाकर और अधिक समय सीखकर इन गरीब लोगों के लिए अमीर बनने का अवसर है । इस बिजनेस को इतनी कम पूँजी लगाकर शुरू किया जा सकता है कि अगर वह पूँजी डूब भी जाए, तो उनकी जिन्दगी पर बहुत अधिक असर नहीं पड़ेगा । इस बिजनेस की एक टेंढ़ी चीज उन्हें रास नहीं आती - सीखना और अपनी आदत बदलना । लेकिन गरीब लोग इस अनोखे बिजनेस के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं । इसलिए यहां के सीखनेवाले समय को वे लोग कहीं और (क्रिकेट मैच देखने, राजनीतिक गप्पें करने अथवा फिल्में या सीरियल देखने में) लगा लेते हैं जिससे जिन्दगी में कोई बदलाव नहीं आएगा । परन्तु इस बिजनेस को सीखने में रूचि ही नहीं ले सकते । दूसरी ओर कुछ गरीब लोग इस बिजनेस को सीखकर अपनी जिन्दगी में बड़े बदलाव ला चुके हैं । उन्होंने इस बिजनेस को सीखकर बड़ी-बड़ी टीमें बनाई हैं और उनके पास अब समय, पैसा और सुरक्षा तीनों मौजूद हैं । इस बिजनेस में सबसे महत्वपूर्ण है टीम बनना सीखना और टीम को सिखाकर उसे भी टीम बनाना सिखाना । जिसकी जितनी बड़ी टीम उसकी उतनी बड़ी आमदनी
एक बार टीम बन जाने पर अगर टीम को सिखाते-सँवारते रहा जाए, तो टीम काम करती रहती है और आमदनी आती रहती है । इतना ही नहीं जैसे-जैसे टीम बढ़ती जाती है वैसे-वैसे आमदनी भी बढ़ती जाती है और इस बिजनेस में शामिल लोगों को भरपूर समय, पैसे तथा सुरक्षा के साथ जिन्दगी जीते हैं ।

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