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अमन डामर की सड़क पर सिर झुकाये धीरे धीरे स्कूल की तरफ चला जा रहा था।पास आते साईकल के पहिये की परछाईं से उसने नज़रें ऊपर उठाईं।अखबार वाले सगीर भैया थे,"क्या अमन,आज फिर लेट।जल्दी बैठ डंडे पे वर्ना स्कूल म