बचपन
बचपन वो मुझको वापस बुलाता मेरा गांव वो पीपल की छइयां वो इमली की फलियां वो आमों से लदी पेड़ों की डालियां वो ताऊ की चौपाल वो गऊएं चराते गोपाल वो दिन ढलते सब का नहर पर मिलना वो गिल्ली और डंडा ,वो कंचे की गोटियां वो गुड़िया की शादी वो बजे की धुन पर नाचते बाराती वो अम्मा के हाथों की रसोई हर निवाले में जैस