shabd-logo

मुक्तक बाँसुरी हो गई

16 दिसम्बर 2021

16 बार देखा गया 16

मुक्तक

 मैं  तेरी प्रीति में बावरी हो गई ।

तुम हुए श्याम रंग सांवरी हो गई।

 तेरे अधरों से जब राग  पंचम छिड़े ,

मधुबन की मैं  तो  बांसुरी हो गई।।

SV✍️

Sarita Vajpayee की अन्य किताबें

Sarita Vajpayee

Sarita Vajpayee

सुस्वागतम्

16 दिसम्बर 2021

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए