मुंबई को फिल्मों में ऐसे दिखाते है जैसे वंहा कितना अच्छा होता होगा. आज जो मूवी देखी उसमें जो जगह दिखाई वो जाने किस हिस्से में है नहीं पता? मुझे तो मुंबई में रहने का बहुत ही खराब अनुभव मिला है और जो रोमानियत महसूस होती थी वो खत्म हो गई है. मुंबई में जाने कितने तरह से ठगी और दग़ाबाजी होती है. सबसे पहले तो ब्रोकर या एस्टेट एजेंट ही लुटते है और मुंबई का सबसे कड़वा अनुभव वंही से शुरू होता है ज़ब आप रूम देखते है. जो लोग pg में रहते है ठीक है लेकिन सिंगल रूम लेने वालों को बहुत कड़वे अनुभव होते है. एक महीने का भाड़ा ब्रोकरेज देकर और डिपॉजिट देकर भी अच्छी सुविधा नहीं मिलती. ये सब ऐसे कारण है कि मुंबई में इंसान खुद को खतरनाक गिरोह के बीच फंसा महसूस करता है.