ये कहानी हे एक लड़के की राहुल की जो अभी सिर्फ 13 साल का हे। इतनी कम उमर में उसने एक बात तो सिखली हे की जिंदगी में अगर इज्जत और संतुष्टि से जीना हे तो उसके लिए एक ही चीज की जरूरत हे वो हे पैसा क्यों को राहुल ने एक मिडिल क्लास परिवार से हे। उसने देखा हे की उसकी खुशियों और उसके सपनो के बीच अगर कोई आता हे तो वह हे पैसा जो की उनके परिवार के पास नही था। जितना पैसा राहुल का परिवार कमाता था उसमे बस उसके परिवार का गुजारा किया जा सकता था वो पैसे से राहुल का परिवार अपनी खवाइशे नही पूरी कर सकता था। राहुल रोज सोचता रहता था की कही किसी तरह उसके पास भी पैसा आजाए जिस से वह अपने परिवार की सारी गरीबी दूर कर के उनको वो सब खुशियां दे सके जिसकी इच्छा हर इंसान को होती है। इस लिए बचपन से ही राहुल ने अपने शहर में छोटी मोटी नौकरी करने लगा। इस ही के साथ राहुल ने अपनी पढ़ाई पूरी की समय बीतता गया। आज राहुल 24 साल का हो गया हे। वैसे बदलने को सिर्फ साल के कैलेंडर ही बदले हे अभी भी राहुल के परिवार का वही हाल हे जो पहले था। लेकिन राहुल अब बड़ा हो रहा है। उसके सपने बड़े हो रहे हे। अब राहुल को एक अच्छी नौकरी की तलाश हे अब उसको बाइक चाइए बाइक पर कोई सुंदर लड़की चाइए और हमेशा की तरह बहुत सारा पैसा भी। लेकिन ये कोई धारावाहिक टीवी सीरियल नही ही की चमत्कार तरीको से अचानक से कही से पैसा आ जाएगा और राहुल का परिवार अमीर हो जायेगा। ये असली जिंदगी हे भाई यहां ये सब चाइए तो सोच कर नही कुछ कर के हासिल करना पड़ता हे। उसके बाद भी कोई गारंटी नहीं हे की कुछ बदले क्यों की 10 -15 हजार की जॉब से भला कोन अमीर बन जाता है। ये बड़े - बड़े लोगो की कहानियां हे की कोई साबुन बेच कर अमीर हो गया कोई मसाले अब अंदर की कहानियां कोन जाने भला किसने क्या किया होगा। खैर ये सब बाते तो राहुल सोचता रहता है। अभी तो राहुल की नई जॉब लगी ही सैलरी कम हे पर ठीक हे कंपनी तो बड़ी हे और हमेशा की तरह ही बॉस ने कहा हे अरे यहां तुम्हें कितना कुछ सीखने को मिलेगा और तो हम ये सब सिखाने के भी पैसे दे रहे। एक बार सब सिखा गए तो 50 हजार की जॉब तो एसे ही लग जायेगी। अब इतना कुछ सुन ही लिया हे तो नौकरी भी कर ही लो।
तो आज हमारे राहुल की नौकरी का पहला दिन हे। आज राहुल की मुलाकात एक सुंदर लड़की से हुई जिसका नाम हे कविता । कविता एक अच्छे परिवार से हे। राहुल को कविता को देखा कर ही प्यार सा होने लग गया हे उसको कविता के पास आने की इच्छा होने लगी ही वो चाहता है की कविता उस से बात करे पर कविता ने तो अभी राहुल को ठीक से पहचानती भी नहीं हे। अभी तो ये दोनो आपस में मिले तक नही हे। कविता बस जानती हे की राहुल नाम का एक लड़का उसके साथ उसकी कंपनी में काम करता है। इन सभी बातों में अभी 2 महीने गुजर गया । बारिश का मौसम आचुका हे और लगता हे आज राहुल के शहर का मौसम भी ठीक नहीं हे। आज कविता घर जल्दी जाने वाली हे शायद उसे कुछ काम होगा। कविता ऑफिस से घर के लिए निकलती हे। रास्ते में ही हिंदी फिल्मों की तरह बारिश शुरू हो जाता है और पहली बारिश हे छाता कोन ले कर निकलता हे । कविता भी ले कर नही निकली हे। बारिश को देखते हुए कविता एक पेड़ की साइड में खड़ी हो कर बारिश के रुकने का इंतजार कर रही है। वही दूर से हमारे हीरो राहुल की नजर कविता को ढूंढ लेती हे और राहुल कविता के पास बाइक ले कर आ जाता है। राहुल कविता के पास जाता है और उस से हाय हेलो करता है। वह उसको घर छोड़ने के लिए बोलता हे पर कविता मना कर देती है। राहुल कुछ देर एसे ही खड़ा रहा फिर वो जाने लगा थोड़ी दूर पर ही राहुल की बाइक स्लिप हो गई ये देख कर कविता राहुल के पास आई और उस से बात करने लगी उसके बाद राहुल के साथ ही कविता घर गई अब वो दोनो दोस्त बन चुके थे। अब रोज ऑफिस में दोनो की मुलाकात होने लगी थी दिन भर बहुत सारी बाते और रात में फोन पर बाते ये बाते ही तो हे जो एक दूसरे को करीब लाती हे और इन ही बातो मे अब राहुल और कविता करीब आते जा रहे हे।
दोनो अब एक दूसरे से प्यार करते ही जल्द ही शादी भी करना चाहते हे पर। राहुल की पुरानी दुश्मन उसकी मिडिल क्लास गरीबी उसका यहा भी पीछा कहा छोड़ने वाली थी। कविता एक अच्छे संपन परिवार से थी और राहुल एक लो- क्लास मिडिल परिवार से था।
कविता जानती थी की उसके परिवार कभी राहुल से शादी करने के लिए तयार नहीं होगा। और राहुल तो अपनी ओर अपने परिवार की बस जरूरतों को पूरा कर सकता था। वो भी जैसी तेसे वो कविता को केसे खुश रख सकता है। केसे वो उसकी हर खवाइशो को पूरा कर सकता था। ये सब सवाल राहुल को दिन रात सताने लगे। राहुल ने कभी अपनी गरीबी का अहसास कविता को होने नही दिया था। वो कविता से बहुत प्यार करता था। उसके लिए वो सब कुछ करने को तयार था। जो हिंदी फिल्मों के हीरो करते हे अपनी हीरोइन के लिए। लेकिन राहुल के साथ सिर्फ हीरोइन नही थी साथ में उसका गरीब परिवार भी था।
राहुल के परिवार में उसकी मां पिताजी और दादी और एक छोटी बहन जो की एक छोटे घर में रहते हे। एसे में कविता से शादी करना उसको राहुल के घर पर लाना ये उतना ही मुश्किल था जितना कश्मीर मुद्दे के लिए पाकिस्तान को मानना। कविता के घर वाले कभी राहुल से शादी करने के लिए तयार नहीं हो सकते थे। ये बात वो दोनो भी जानते थे। इस लिए दोनो सही समय का इंतजार करने लगे इस इंतजार के साथ दोनो का प्यार भी बड़ने लगा। महीने साल गुजरते गए दोनो मिलते रहे प्यार करते रहे। लेकिन एक ऐसे जिंदगी तो नही गुजरी जा सकती हे ना। समय के साथ साथ दोनो के घर वालो को उनके प्यार के बारे में पता चल गया और दोनो ही के परिवार वाले दोनो की कही और शादी करने के लिए रिश्ते देखने लगे। इन सब के बीच अब कविता और राहुल की परेशानियां भी बड़ने लगी अब वो पहले की तरह घूम फिर नही सकते थे। उन दोनो को भी उन के भविष्य की चिंताएं सताने लगी। इस दुनिया मे प्यार करना आसान हे लेकिन उस प्यार को हासिल करना उतना ही मुश्किल फिल्मों में तो प्यार हो जाता है और 3 घंटे के लास्ट तक आते आते सभी मान जाते हे और हैप्पी एंडिंग के साथ सब कुछ ठीक हो जाता है। लेकिन असल जिंदगी इस से बहुत अलग हे यहा रास्ते अलग हो जाते हे। मंजिले बदल जाति हे पर सब कुछ ठीक नहीं होता है। बस जो होता है उसको स्वीकार करने के अलावा वायक्ति के पास कुछ नहीं रह जाता है।
राहुल जनता था की आसानी से और सब कुछ भगवान के भरोसे छोड़ देने से कभी वो एक नही हो सकते हे। इस लिए उसने कविता के साथ मिल कर घर से भागने की योजना बनाई। एक रात दोनो घर से निकल कर शहर के रेलवे स्टेशन पर आ गया और ट्रेन के आने का इंतजार करने लगे। इस वक्त वह कोई नही था। रात का समय था।
अचानक कुछ लोग वहा आते हे और राहुल को मरना शुरू कर देते हे और सर पर भरी चोट लगने की वजह से राहुल वही बेहोश हो जाता है।
जब राहुल को होश आता हे तो वह देखता हे की कविता उसके पास नही हे उसके सर पर खून जमा हुआ था कपड़े फटे हुए तो और कविता का बैग पर्स वही पर गिरा पड़ा था। राहुल को समझ नही आ रहा था की वह अब क्या करे केसे कविता को ढूंढे क्यों की अगर वो पुलिस के पास जाता है तो कविता के घर वाले उसको हो दोषी समझेंगे और अगर वो अपने घर वालो को कविता के बारे में बताएगा तो वो उसको कविता को खोजने नही देगे। अब राहुल बहुत परेशान हो चुका था। उसने पहले अपने दोस्तो की सहायता लेना सही समझा। राहुल ने अपने दोस्त को ये सभी बाते बताई। और फिर राहुल और उसके दोस्त ने मिल कर कविता को खोजने लगे। वही कविता के परिवार वाले राहुल के पीछे लग गए। इन सब में दो दिन बीत गया अभी तक कविता का कोई पता नहीं चला हे। पुलिस भी कविता को खोजने लगी थी। तीसरे दिन एक अनजान पोस्ट कविता के घर पर आता हे। जिसमे कविता के बारे में लिखा था। कविता को अगवाह किया गया था। इस चिट्ठी में कविता के लिए 2 करोड़ की रकम को मांग की गई थी। अब पुलिस कविता के अपहरण कर्ता का पता लगाने में लग गई। बहुत कोशिश के बाद भी जब कुछ पता नहीं चला तो राहुल से पूछताछ की गई जिसमे राहुल ने सब सच बताया की उस रात केसे वो दोनो ने घर से भाग जाने का प्लान बनाया था। और रात को किस प्रकार उस से मारपिटाई की गई ये सारी बाते राहुल में पुलिस को बताई।
जैसा कि आप देख रहे हे हमारी कहानी में अब फिल्मी मोड़ आ ही गया हे। शायद हमारी जिंदगी भी कभी - कभी फिल्मों की तरह हो ही जाती है।
तो अब राहुल और पुलिस दोनो को पता लगाना हे की आखिर कविता के साथ उस रात हुआ क्या था और कहा हे कविता ?
राहुल और पुलिस दोनो ने कविता का पता लगाने की बहुत कोशिश की शहर का हर कोना देख लिया सब कुछ करने के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगी और उसके
कुछ दिन बाद फिर एक पोस्ट कविता के घर पर आता हे। उसमे लिखा था की कविता ठीक ही हे। और उसको ठीक ही रखना चाहते हो तो 2 करोड़ ले कर कर राहुल को दूसरे शहर जाने वाली बस में बिठा दो हम उस से पैसे ले कर कविता को उस ही के साथ छोड़ देगे।
जब ये बात पुलिस को पता चली तो उन्होंने राहुल को बुला कर सारी बाते बताई राहुल जाने को तयार हो गया और राहुल के साथ पुलिस ने अपनी टीम को लगा कर कर राहुल को पैसे ले कर कविता को छुड़ाने भेज दिया। राहुल की बस शहर से अब बहुत दूर आ चुकी हे। अचानक एक वायक्ती बस में चढ़ता है और राहुल के पास बैठ जाता है और उसको अगले स्टैंड पर उतरने को बोलता हे। राहुल वैसा ही करता है। जैसे राहुल बस से उतरता है तो वह देखता हे की जिस जगह वो उतरा हे वहा कोई घर या और कुछ नही हे दूर से दूर तक बस बंजर वीरान जंगल हे। अचानक से दो बड़ी कार आती हे और राहुल के पास से निकल जाति हे। जिस से चारो तरफ धूल का घेरा हो जाता हे और उसने एक बाइक आती हे और राहुल को उठा कर ले जाति हे। पुलिस की टीम पीछे ही थी लेकिन धूल के उस घेरे में पुलिस समझ नही पाती हे और राहुल अचानक वहा से गायब हो जाता हे।
राहुल को जंगल में एक कोठरी के ले जाया जाता है। वहा उस को कुछ लोग मिलते हे जो की काले कपड़े में थे जब वहा उन से कविता के बारे में पूछता हे तो सब उसे अंदर जंगल में भेजते हे जहा दूर एक पेड़ पर बंधे एक झूले पर कोई उसे कोई देखता हे। वहा पास जाता है। पास जाने पर जो वो देखता हे वो उसकी दुनिया हिलाने के लिए काफी था। उस झूले पर और कोई नही वो कविता थी।
कविता उसके पास आती हे और उसको बताती हे की वो पिछले 2 साल से उस पर नजर रख रही थी। क्यों की उसको उसके ही तरह के एक लड़के की तलाश थी जो गरीब हो और साथ ही साथ प्यार में पागल हो जो की उसमे वो दोनो उसको मिल गया। वो बताती हे की वो तो उस घर की बेटी हे भी नही वो तो उस घर के मालिक की मालकिन की देख भाल के लिए रखी गई नौकरानी की लड़की हे जिसको उसके मालिक ने पाला हे। और वो बताती हे की उस घर वालो ने मेरी मां से उस के जीवन भर काम कराया और जब उसको बीमारियों ने घेर लिया तब उसको शहर के सरकारी अस्पताल में जा कर डाल दिया और उसकी मां की वही मौत हो गई उसके बाद पढ़ाई लिखाई और अच्छे भविष्य देखा कर मुझे रख लिया और मुझ से भी वही सारा काम करवाया जो मेरी मां यहा किया करती थी। वो सब में कभी नही भूल सकती हु ये अमीर लोग बस अपने नौकरों को अच्छा रखने का और अपना समझ ने का दिखावा करते हे। जब की हमेशा से इनको बस अपना पैसा प्यारा होता है। ये बस हमारे जेसो का बस खून पीना जानते हे इस लिए मेने ये प्लान बनाया और उसमे तुम्हारी साथ प्यार का नाटक कर के खुद को अगवाह किया ताकि लोगो को शक ना हो और उन अमीरों ने तुम पर ही शक किया क्यों की तुम भी गरीब हो लालच उनको तुम में देखा। यही ये उन लोगो का नजरिया गरीब लालची होते हे, चोर होते हे और हा कामचोर भी होते हे।
राहुल को कुछ समझ नही आता हे की कविता ऐसा केसे कर सकती है और ये सब क्या हो रहा हे। वो कविता को अपने साथ चलने को बोलता हे पर कविता कहती हे की यहा से मेरा सिलसिला यही खत्म होता है और वो अब दुनिया की नजरो में वो मर जायेगी और उसकी मौत होगी राहुल के हाथो।
उसके बाद वो हुआ जो राहुल कभी नही सोच सकता था। कविता ने राहुल से कहा की वो एक वीडियो बनाए जिसमे वो कहे की कविता को उसने ही अगवाह किया था और पैसे का बहाना बना कर उसने पुलिस को गुमराह किया और जब उस घमंडी लड़की जिसको पैसे का इतना घमंड हे उसका पैसे आ गया तो आज उसके पैसे के साथ ही आज उसको जला दुगा वो बेवफा और घमंडी लड़की हे। और उसको उस वीडियो में कविता को मरना पिटना हे और उसके बाद उसको चारपही से बांध कर उसके पैसे के बैग्स के साथ उसको भी जला देना हे उसके बाद वीडियो में उसको पास की खाई में फेक देना हे। अब इस वीडियो में मार पिटाई और पेट्रोल डालने तक तो कविता ही रहेगी पर उसके बाद जलाने और खाई में फेकने पर एक पुतला रहेगा। कविता ने राहुल को ये सब करने को कहा और अगर राहुल मना करता हे तो उसको दर्दनाक मौत दे दी जायेगी । अब राहुल की अपना घर परिवार दिखाई दे रहा था। अगर उसको कुछ हो गया तो उसके परिवार उसकी मां पिताजी और बहन का क्या होगा यही सोच कर उसने ये सब करने को तयार हो गया। क्यों की कविता ने उसको बोला था की अगर वो ये करने को तयार हो जाता हे तो उसको भले ही उमर भर की सजा हो जाए पर वो उसके परिवार को 30 लाख की रकम दे देगी। राहुल के पास अब यही बस यही एक रास्ता था।
उसने वही सब किया जैसा कविता ने उसको बोल था।
जब ये सब हो गया तो वो वीडियो कविता ने राहुल के मोबाइल से पुलिस को भेज दिया।
पुलिस ने राहुल के मोबाइल को ट्रेस कर लिया और अब पुलिस वहा आने को थी। उसके वक्त ही कविता ने आपने साथी के साथ मिल कर राहुल के हाथ में छुरा दे कर उसके ही हाथ से उसका गला काट दिया और उसके ही खून से सब दूर बेफवा और धोखेबाज लिख दिया और पैसे साथ ले कर वो वहा से जाने लगी। ये सब उसने इस लिए किया ताकि पुलिस को यही लगे की ये एक सनकी आशिक था जिसने अपनी प्रेमिका के धोका करने पर उसको उसके पैसे के साथ जला दिया और खाई में फेक दिया और खुद का गला काट कर आत्महत्या करली।
अब राहुल की आखरी सासे चल रही थी आखरी वक्त में राहुल को अपने बचपन के वो दिन याद आ रहे थे की किस तरह से उसका जीवन गरीबी में निकला उसकी मां पिताजी बहन केसे कुछ खाने से अपना पेट भर रहे हे और मुस्कुराहट में अपना दर्द छुपा रहे हे। आखरी वक्त में उसको उसकी मां की आवाज सुनाई दे रही हे दूर से एक आवाज आ रही हे राहुल बेटा ........राहुल इन आवाज के साथ साथ उसकी सास भी बैठी जा रही हे।
और उसको देख रही हे जाति हुई कविता जो बहुत दूर जा चुकी हे कविता में उसे एक शोषण से निकल हुआ शैतान दिखाई दे रहा है जिसने एक पल में उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी आज उसने उसकी सासे ही नहीं छीनी हे उसने छीन लिया हे उसके परिवार से उनका सब कुछ उनकी आत्मा , उनका गौरव, और उनकी उम्मीद।
राहुल कविता के बदलते चहरे के पीछे के शैतान को पहचान नही सका।
कविता देश छोड़ कर जा रही हे किसी नए नाम के साथ अपनी एक नई पहचान के साथ किसी के खून से रंगे हाथ ले कर।।
राहुल की रुकती सासो के साथ ये खानी यही खत्म होती है। हमारी जिंदगी में हमेशा हैप्पी एंड नही होता है कहो तो कभी नही होता हे कुछ ही कुछ खुशनसीब होते हे जिन के जीवन का अंत हैप्पी होता हे। ये सब फिल्मों की बाते हे की हर कहानी का अंत हैप्पी हो नही हो तो कहानी बाकी हे कुछ बाकी नहीं रहता है। सब एक अंत के साथ खत्म हो जाता हे जैसे आज राहुल के साथ हुआ। बस यही अंत हे।।