जटायु वध रामायण से ली गई । इसमें तब की कहानी संकलित की गई है। जब श्री राम चंद्र जी को अपने पिता द्वारा 14वर्ष का वनवास दिया है। और जटायु द्वार माता सीता की रावण से रक्षा हेतु उसकी करुणामय मृत्यु को दर्शाया है और अंत में उसका क्रिया कर्म भगवान श्री राम चंद्र जी द्वारा उनका क्रिया कर्म करना दर्शाया गया है। ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।॥॥॥.....॥