इस लघुकथा एक निरीह पक्षी के प्रति मानवीय संवेदना को व्यक्त करती है।
0.0(1)
बहुत प्रशंसनीय कहानी लिखी है आपने 👍🙏🙏
2 फ़ॉलोअर्स
4 किताबें
मेरे घर के ठीक सामने, शहतूत का एक पेड़ था जिस पर कुछ दिनों पहले एक चिड़िया ने अपना आशियाना बनाया था। दिन- रात मेहनत करके उसने अपना घोंसला बनाया। फिर अंडे दिए और कुछ ही दिनों बाद उनमे से छोटे छोटे बच्चे