16 अक्टूबर 2021
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नमस्ते सभी को मेरा स्नेहिल हृदय से शत-शत प्रणामD
<div>महर्षि वृहदश्र्व को आते देखकर धर्मराज युधिष्ठिर ने आगे बढ़कर शास्त्रविधि के अनुसार उनकी पूजा की,