तुम
छोटी-छोटी बातों पर
नाराज हो जाती हो,
बस बहाना चाहिये तुम्हे तो
रुठने के लिये,
कितनी प्यारी लगती हो
जब तुम कहती हो
मैं नाराज हूँ तुमसे
गाल फूला लेती हो
और चेहरा
अजीब सा बनाती हो
तेरी रुठने वाली बा
तें याद आ जाती है,
जब रूठता देखता हूँ
छोटी-छोटी
नन्ही-सी परियों को,
मान भी जाती हो
तुम जल्दी ही,
नाराज हो जाती हो
तुम छोटी-छोटी बातों पर.....,......... @संगम