इक चाँद पाने के खातिर
पंछी की शहादत लिख जाऊंगा
है नही तू मेरी किस्मत में
फिर भी महोब्बत कर जाऊंगा....
दिल दुखना फितरत नहीं है मेरी
तेरी तरह इतराना आदत नही है मेरी
तू भले ही समझ दुश्मन मुझे
पर तुमसे कोई बगावत नही है मेरी....
बसंत में महकती है खुशबु
मै पतझड़ में फूल खिला जाऊंगा
'संगम' कहता है जमाना मुझको
देखना एक दिन दिल मिला जाऊँगा....