shabd-logo

इक चाँद पाने के खातिर

16 अक्टूबर 2016

161 बार देखा गया 161
featured image

इक चाँद पाने के खातिर
पंछी की शहादत लिख जाऊंगा
है नही तू मेरी किस्मत में
फिर भी महोब्बत कर जाऊंगा....

दिल दुखना फितरत नहीं है मेरी
तेरी तरह इतराना आदत नही है मेरी
तू भले ही समझ दुश्मन मुझे
पर तुमसे कोई बगावत नही है मेरी....

बसंत में महकती है खुशबु
मै पतझड़ में फूल खिला जाऊंगा
'संगम' कहता है जमाना मुझको
देखना एक दिन दिल मिला जाऊँगा....

1

इक चाँद पाने के खातिर

16 अक्टूबर 2016
0
2
0

इक चाँद पाने के खातिरपंछी की शहादत लिख जाऊंगाहै नही तू मेरी किस्मत मेंफिर भी महोब्बत कर जाऊंगा....दिल दुखना फितरत नहीं है मेरी तेरी तरह इतराना आदत नही है मेरी तू भले ही समझ दुश्मन मुझेपर तुमसे कोई बगावत नही है मेरी....बसंत में महकती है खुशबुमै पतझड़ में फूल खिला जाऊंगा'संगम' कहता है जमाना मुझकोदेखना

2

मैं लिखता हूँ

25 अक्टूबर 2016
0
5
1

मैं नही जनता हूँ किक्या लिखता हूँ? हाँ, मगर मैं लिखता हूँ| मैं नही जनता कि गीत लिखता हूँ या गज़ल लिखता हूँ, हाँ,मगर मैं लिखता हूँ| अनजान हूँ अभी मैकाव्य सेमैं नही जानता कि कविता किसे कहते है,शायरी क्या होत

3

नाराज हो जाती हो

26 अक्टूबर 2016
0
1
1

तुम छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाती हो, बस बहाना चाहिये तुम्हे तो रुठने के लिये, कितनी प्यारी लगती हो जब तुम कहती हो मैं नाराज हूँ तुमसे गाल फूला लेती हो और चेहरा अजीब सा बनाती हो तेरी रुठने वाली बातें याद आ जाती है, जब रूठता देखता हूँ छोटी-छोटी नन्ही-सी परियों क

4

ना अदावत होगी

7 नवम्बर 2016
0
2
0

ना अदावत होगी ना बगावत होगी, ना ज़माने से कोई शिकायत होगी एक बार करलो संगम यार फिर हर पल महोब्बत होगी.......... @ओम प्रकाश "संगम"

5

तेरा रुठना मेरा मनाना

9 नवम्बर 2016
0
2
0

तेरा रुठना मेरा मनानामेरा रूठना तेरा मनानाइसे ही तो प्यार कहते हैक्या जाने ये जमाना ।।......संगम .....

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए