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ऊंच नीच जाती के नाम पर

22 नवम्बर 2021

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मेरा नाम राजेश कुमार है मै इस कहानी मे जाती के नाम पर जो सालो से दलितों पे अत्याचार हुआ उसके बारे मे बताना चाहता हूँ क्यूंकि खुद मै एक नीची जाती से हूँ तो चलिए शुरू करते है
सभी भारतवासी जानते है की हमारे देश का संविधान एक नीची जाती के व्यक्ति ने लिखा है जिससे आज हमारा देश चल रहा है फिर भी नीची जाती के लोगो हमेशा घृड़ा से देखते है ये नीची जाती का है इसके हाथ का पानी नहीं पीना इसके पास मत बैठना ऐसा क्यूँ जबकि हमारा देश आज इतना पढ़ा लिखा हो गया है फिर भी ऐसी सोच समाज मे सबको हक़ है रहने का अपने मान सम्मान का फिर ऐसा क्यूँ लोग सोचते है की नीची जाती का कोई वजूद नहीं है डॉ भीमराव अम्बेडकर जी कितनी मुश्किलों से पढ़े लिखें थे उनको पढ़ने मे कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा लेकिन उनको दिखाया की एक नीची जाती का व्यक्ति भी पढ़ लिख के काबिल बन सकता है लेकिन जब हमारा देश आजाद हुआ तो संविधान उनको लिखने के लिए बोला गया और उन्होंने लिख भी दिया जिससे आज हमारा देश चल रहा है जिससे नारियो को अधिकार मिले फिर नीची जाती को क्यूँ आज भी  बुरा अछूत कहके दुत्कार देते है मैने खुद ऐसा वाक्या झेला है बड़ी जाती के लोग भंगी चमार चुड़ा कहके बुलाते है वो जा रहा भंगी वो जा रहा चमार इतनी गंदी सोच वाले लोग देश को बाटने का काम कर रहे है भारत सबका देश है सबको सामान अधिकार है यहाँ रहने का सबसे यहीं गुजारिश है अपने देश को जातिवाद मे ना बाटे सिर्फ सिर्फ सभी भारतवासी है सब एक है एकता मे पहचान है अलग अलग सब हो जायेंगे तो ये देश बंट जायेगा बस सब मिलके रहे इसी वाक्य पे मै अपनी कहानी ख़त्म करता हूँ 🙏🙏🙏

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