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ओडिशा ट्रेन दुर्घटना

3 जून 2023

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सबसे पहले तो इस हादसे में मृत्यु को प्राप्त हुये लोगों को ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे वे उनके परिवार को इतनी हिम्मत दे ताकि वह इस दारूण दुख से लड़ सके | अब बात करे इस दुर्घटना की तो किसी भी दुर्घटना के पीछे केवल और केवल कोई ना कोई लापरवाही जरुर होती है बिना किसी लापरवाही के कोई भी दुर्घटना जन्म नही लेती है अब बात करे इस दुर्घटना के पीछे कौन है क्या है वो तो जांच में ही सामने आयेगा लेकिन यहां यह जरुर लिखना चाहूँगा की अब भारत देश में लापरवाही आम होती जा रही है अब यहां ऐसी स्थिति हो गयी है की किसी भी यातायात के साधनो में कोई भी सुरक्षा की गारंटी अब नही है यहां तक की कोई भी अब यातायात में सुरक्षित नही है कब क्या किसके साथ हो जाये कुछ भी पता नही है क्योंकि लापरवाही भारत देश में एक भारत देश का एक अभिन्न अंग बन गयी है यहां नेता भी अपना 
पल्ला झाड़ने के लिये मृतकों को मुवाजा देकर और उन्हे सांत्वना
देकर के अपना पीछा छुड़ा लेते है |
इससे पहले भी भारत देश में बड़े बड़े रेल हादसे हुये है किन्तु इस भारत देश में राजनिति के अलावा और कुछ नही होता है और ना ही यहां होगा भारत देश केवल राजनीती में प्रसिध्द है यहां नेता चुनाव में जनता से हाथ जोड़कर के वोट तो मांगता है लेकिन जितने के 5 वर्ष बाद अपना बैंक बैलेंस को भरता है यहां ऐसा ही होता आया है सरकार से मिलने वाला पैसा विकास कार्य में कितना लगा है या अभी तक कितना लगाया है इसका जवाब किसी नेता के पास नही है और होगा भी तो वह देगा नही केवल और केवल बहस की ही राजनीती करेगा इस भारत देश में हर रोज जनता कहीं ना कहीं मर ही रही है फिर वो चाहे रोजगार हो या फिर महंगाई हो या फिर स्वास्थ्य हो या फिर यातायात हो अन्त
में यही लिखना चाहूँगा की इस देश में सब कुछ महँगा है सिवाय इंसान की जान के इंसान की जान सबसे सस्ती है " भारत देश को सोने की चिड़िया कहां जाता था जिसे पहले मुगलों ने लूटा अब नेता लूट रहे है और बदले में आम जनता इन नेताओं की गुलामी कर पिस रही है यह देश आजाद होते हुये भी आज नेताओं की जंजीरों में बंधा गुलाम सा प्रतित हो रहा है जहां आम जनता हर रोज कहीं ना कहीं अपने प्राणों को दांव पर लगा रही है या अपने प्राण को गंवा रही है |
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रचनाएँ
माता-पिता बड़े या औलाद
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इस कलयुग में माता पिता बड़े या औलाद
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माता- पिता बड़े या औलाद

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शिक्षक बड़े या छात्र

6 दिसम्बर 2022
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जैसा की आप सभी जानते है की हमारे भारत देश में गुरु का दर्जा व गुरु का आदर कितना ऊंचा व कितना सर्वोपर्रि है किन्तु अगर आज के हालात देखे तो क्या गुरु की कदर आज कहीं होती है तो जवाब है- नही वो इसलिये की

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दोस्ती बड़ी या पैसा

8 दिसम्बर 2022
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जैसा की आप सभी जानते है की दोस्ती कहीं से भी किसी से भी और कैसे भी हो सकती है किन्तु देखने वाली बात यह है की क्या आज के समय में ऐसा संभव है तो जवाब होगा नही आज की दुनिया में सब पैसों से ही हर चीज को त

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समाज में कैसे रहे-

9 दिसम्बर 2022
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आज की इस दुनिया में जब सभी अपने मन के मुताबमुताबिक जी रहे है और भारत देश का संविधान सबको अपनी इच्छा से जीने का अधिकार भी देता है लेकिन जो लोग समाज के साथ अपने परिवार व समाज में रह रहे है उन्हें इज्जत

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दु:ख क्या है

10 दिसम्बर 2022
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सभी इंसान इस धरती पर सु:ख की आस चाहते है और उसके लिये नित्य परिश्रम भी करते रहते है और अपनी तरफ से ईश्वर को भी प्रसन्न करते रहते है ताकि उनके परिवार व उनकी संतान को किसी भी तरह का दु:ख ना देखने पड़े जी

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विरह के आँसू

11 दिसम्बर 2022
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आप सभी ने यह देखा होगा की जब भी हम कोई फिल्म या किसी भी वीडियो में भावुकता का कोई प्रसंग देखते या सुनते है तो हमारा मन इतना भावुक हो जाता है की हमारे भावुक मन से विरह के आंसू आँखों द्वारा निकलने लगते

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20 सितम्बर 2023
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आरक्षण राजनीति की संजीवनी दवा है जिसे कोई भी ग्रहण कर अपनी पीड़आओं से मुक्ति पा सकता है| अब देखने वाली बात यह है की सरकार इस महिला आरक्षण पर कितनी खरी उतरती है महिलाओं को आरक्षण में कैसी और कितनी सुविध

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हमास का आतंकवाद

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