सभी इंसान इस धरती पर सु:ख की आस चाहते है और उसके लिये नित्य परिश्रम भी करते रहते है और अपनी तरफ से ईश्वर को भी प्रसन्न करते रहते है ताकि उनके परिवार व उनकी संतान को किसी भी तरह का दु:ख ना देखने पड़े जीवन में तो हम आगे लिखते है की आखिर दु:ख है क्या तो दु:ख की परिभाषा की अगर हम बात करे तो जीवन में भौतिक सुख सुविधाओं के अभाव का होना ही दु:ख कहलाता है लेकिन दु:ख जब हमारे जीवन में आता है तो हमे अंदर और बाहर दोनों तरह से जीना सिखाता है जो की सु:ख हमे नही सीखा सकता सु:ख केवल मौज मस्ती और ऐश्र्वर्या का नाम है लेकिन दु:ख जीवन को जीना और कैसे जीना और किन हालातो में जीना ये सब हमे दु:ख ही सिखाता है |