हर देश शांति चाहता है चाहे वह भारत देश हो या फिर और कोई मुल्क हो लेकिन दौलत और ताकत आज के समय में दो ऐसे घातक रुपी हथियार बन चुके है जिन्हे हर कोई देश बड़े पैमाने पर पाना चाहता है और जिसके लिये वह हर समय अपने कार्य को तत्परता से लगा भी हुआ है रक्षा समझौते की अगर हम बात करे तो "किसी भी देश की रीड की हड्डी उसकी सेना होती है "| अर्थात
जिस देश की सेना जितनी ताकतवर होगी वह देश उतना ही सुरक्षित होगा किन्तु देखने वाली बात यह है की किसी भी समस्या का हल युद्घ नही होता चाहे देश कितना भी ताकतवर क्यों ना हो लेकिन जब युद्घ होता है उसमे कितने बेगुनाह जनता और जान माल का नुकसान होता है इस बात का पता आप अब तक लड़े गये युद्ध में अन्दाजा लगा सकते है वर्तमान में चल रहे रूस और यूकरैन का युद्ध इस बात की गवाही है की युद्घ में केवल बर्बादी के अलावा और कुछ भी हासिल नही होता किसी भी देश को इसलिये हमेशा शांति बनाये रखे लेकिन आज के समय में कुछ खुराफाती तत्व ऐसे भी है जो धर्म और जाति के नाम पर लोगों को लड़वाते है ताकि वो अपना उल्लू सीधा कर सके ये तत्व बहुत ही खतरनाक है क्योंकि ये देश को अंदर से खोखला करने का काम करते है सरहद पर युद्ध जीते जा सकते है किंतु ये ऐसे तत्व है जिन्हें कोई नही जीत सकता है इसलिये अपने आस पास के समाज में शांति बनाये रखे और अपने देश की तरक्की में अपना योगदान दे |