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सर्वप्रथम अपनी टिप्पणी लिखने से पहले कुछ प्रश्न हैं जो की प्रार्थी के मन मे उठ रहे है | इस विषय पर उनके जवाब देना चाहेगा|1. स्त्री क्या है-?2 . स्त्री का उत्पीड़न क्यों?स्त्री- हमारे वेद पुराण उपनिषदों
जो समय से भी आगे निकल जाये ऐसी यात्रा को हम समय यात्रा कहते हैं | किन्तु सभी का स्वप्न होता हैं की समय की यात्रा की जावे | किंतु क्या ऐसा संभव हैं की समय की यात्रा एक आम इंसान कर सकता है | जवाब होगा न
सबसे बड़ा आश्रम घृसथ आश्रम को बताया गया है | जिसमे की एक अविवाहित वर और वधू विवाह कर अपनी&nbs
हम किसी न किसी वाहन से यात्रा करते रहते हैं| जहां भी हमे जाना अच्छा लगता हैं| हर किसी को 
हमारे भारत देश के ऋषि- महऋषियों की देन है योग | (जिसमें की अपनी अहम भूमिका निभाई है महृषि पतंजलि ने | पहले ऋषि-महृषि कई -कई वर्षों तक तपस्या कर लेते थे एक पांव पर खड़े होकर या अ
शरीर को चलाने के लिये भोजन की आवश्यकता होती है | जिससे हमारे शरीर में ऊर्जा बनती है | व हमारे शरीर के प्रत्येक के अंग को उर्जा मिलती है जिससे हमारा शरीर कार्य को करने में अपनी उर्जा लगाता है | "जिस प्
जो मित्र एक दूसरे का सुख दुख बांट कर किसी भी समस्या को अपनी बना कर के उसका समाधान कर दे | वही सच्ची मित्रता है |जो मित्रता युवावस्था में बनती व बिगड़ती है | शायद उसमें वह आनंद नही जो बचपन की मित्रता मे
प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को पूरे भारत में हिन्दी दिवस मनाया जाता है | भारतीय हिन्दी भाषा बोलते तो है | किन्तु ये सिर्फ मुख पर ही रह चुकी हैं | आज आलम यह है की समस्त स्कूल,महाविद्यालय,
हर इंसान अपनी आजिविका को चलाने के लिये नित्य निरन्तर कठोर परिश्रम कर धनोपर्जन करता है | व अपने परिवार के भरण पोषण के लिये हर रोज कुछ ना कुछ करता ही रहता है | ताकि उसका परिवार खुशहाल रहे | किंतु जो इंस
जिस प्रकार हम साल भर में किसी विशेष तिथि को अपना जन्म दिन, सालगिराह इत्यादि मनाते रहते है | ठीक उसी प्रकार हर साल में पितृपक्ष प्रारंभ होते है | ये वो सुनहरे अवसर होते है |जब हमे अपने मृत पूर्वज
भारत जैसे देश में जहां पत्थर भी पूजे जाते है | उस देश में वीरांगनाओं की भूमिका कितनी अव्वल रही है | इस बात से कोई भी अनजान नही है | "नारी दुर्गा का रुप है |" " जिस प्रकार नो महीन एक शिशु को गर्भ
भारत में गुरु शिष्य की परंपरा रही है | किंतु आज के समय में लगभग सभी गुरु बन बैठे है | सबसे पहली बात तो यह है की गुरु की परिभाषा क्या होगी उसे समझे अर्थात "जो भौतिक सर्व सुख संसाधनों स
यह तो पूरी दुनिया जानती है की नारी देवी का अवतार व देवी की तरह ही पूजनीय होती है | किन्तु क्या आज के समय में वाकई में ऐसा है या हो रहा है | तो जवाब है नही वो इसलिये की आज के समय में "इंसान ही इंसान का
भारत एक कृषि प्रधान देश है | जिसकी 75% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है | जिस प्रकार देश दुनिया बदली तकनीकी ने विकास का जीर्णोद्धार किया | ठीक उसी प्रकार खेती को भी अत्याधुनिक तकनीकी से ग्रस्त कर दिया
यूँ तो हम जब पढ़ना शुरू करते है तो जो भी कोई पुस्तक माता-पिता द्वारा हमे पढ़ाई जाती है | वही हमारी पहली पुस्तक होती है |किन्तु प्रार्थी का यह मानना है की अगर कोई पुस्तक पढ़कर के इंसान का जीवन बदल दे | और
ईश्वर ने इस धरती को रचा है | और ईश्वर द्वारा बनायी गयी सबसे अच्छी खोज थी इन्सान | जिसमे ईश्वर ने बल के साथ-साथ बुद्धि भी डाली थी | ताकि बेजुबान पशु पक्षी सभी की मदद कर सके इंसान | किंतु कलयुग का जैसे
विज्ञान की एक शाखा का नाम है अंतरिक्ष जिसमें अंतरिक्ष में हो रही समस्त भौगोलिक घटनाओं का अध्यन किया जाता है जैसे की तारामण्डल , सौरमण्डल, आकाश गंगा, इस्टियौरोइड, इत्यादि |भारत में अं
जिस प्रकार इंसान को ऊर्जा प्राप्त करने के लिये भोजन की आवश्यकता होती है व उसी भोजन को प्राप्त कर हमारे शरीर को शक्ति मिलती है ठीक उसी प्रकार प्रकृति को संचालन करने वाली शक्ति का नाम मां दु
जिस प्रकार इंसान को सांस लेने के लिये दिल व फैफडो का इस्तेमाल करना पड़ता है ठीक उसी प्रकार आज के आधुनिक युग में इंटरनेट इंसान का दिल व फैफडा बन चुका है जहां आप इसके बिना सांस तक ले नही सकते हैं फिर वो
जिस प्रकार हमारा मस्तिष्क हमारे शरीर को संकेत प्रदान करता है और उसी के अनुरूप हमारा शरीर काम करता है वैसे ही अगर हम नकारात्मक वातावरण में रहे तो उसका सबसे पहला प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है और धीरे
बिना अपराध किये किसी को सजा नही देत ईश्वर प्राकर्तिक आपदा में मनुष्य अपनी प्रमुख भूमिका निभा रहा है फिर वो चाहे नदी इत्यादि को गंदा करना हो या फिर वृक्षों की कटाई इत्यादि इंसान यह नही जानता की "प्रक्र
मनोरंजन के लिहाज से अगर बात करे तो ऑनलाइन गेमिंग काफी अच्छा मनोरंजन का साधन है किन्तु कुछ ऐसे ऑनलाइन गेम भी है जिनमे वित्त्य जोखिम का खतरा बना रहता है जो गेम भारी शुल्क लेकर के या जिनमे भारी शुल्क अदा
महात्मा गांधी जी ये वो नाम हैं जिसे सभी जानते है जिन्होनें अन्ग्रेजी हुकुमत की लाठियाँ खाई अँग्रेजों द्वारा किये गये अत्याचार सहे कुल मिलाकर कहे तो महात्मा गांधी जी ने एक ही कार्य को नही अपितु: राष्ट्
सभी देश के इन्सान व सभी देश की राजनीती के बड़े- बड़े प्रख्यात व बहुचर्चित इन्सान फिर वो चाहे राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री हो या कोई भी क्यों न हो सभी इसी बात पर बल देते है की "अहिंसा न हो " किन्त
ईश्वर ने सभी को किसी ना किसी कला से नवाजा है उसमें कुछ भी हो सकता है नृत्या,संगीत,पैंटींग,लेखक,कवि कुछ भी जो भी इंसान को एक मंच पर कुछ अलग करने का हुनर प्रदान कर दे वही कला है और रही बात कला के फायदे
दिन की शुरुआत होने से पहले हम नाजाने कितनी गलतियाँ करते है फिर वो चाहे कही से हमे कुछ खरीदना हो या किसी बाजार इत्यादि में से कुछ सामग्री लानी हो या किसी के पास बैठना हो गली मोहल्ला या फिर पड़ोस में आदि
हर साल हम विजयादशमी का त्योहार बड़े हर्षोलास के साथ मनाते है और संकल्प लेते है की जिस प्रकार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं दशहरा ठीक उसी प्रकार हम भी अपने मन की व्याधियों को समाप्त कर नेक इंसान
सदियों से इंसान इसी असमंजस में डूबा रहता हैं की में इतना कर्म करता हूँ किन्तु मेरा भाग्य मेरा मेरा साथ नही देता ईश्वर मेरे ऊपर अत्याचार कर रहा हैं और पता नही किस कर्म की सजा मुझे मिल रही है न जाने ऐसे
अब पूरे भारत में लगभग सभी चीजे डिजिटल का आकार ले चुकी है जिनमे कभी किसी भी सरकारी व प्राइवेट कार्य को करने के लिये लगभग घण्टों घंटो तक इंतेजार करना पड़ता था उन्ही सभी चीजों को मद्देनजर रखते हुये माननीय
बालिका क्या है- सही मायने पर अगर बात करे तो बालिका माँ भगवती का रुप है जो की जिस भी घर में जन्म लेती है तो उस घर को खुशियों से भर देती हैं किन्तु अभी भी कुछ ऐसी मानसिकता के लोग है जो की बेटी को बोझ सम
आज हम इक्कीसवी सदी में जी रहे है जहां इन्सान चांद व मंगलयान जैसी यात्रा भी कर चुका है उसी इक्कीसवी सदी में आज भी लड़का व लड़की में भेद जारी हैं जहां किसी परिवार में लड़की जन्म ले ले और लड़का न पैदा हो वो
हमारे सनातन धर्म में कई रीति रिवाज है जिनका सदियों से पालन होता आ रहा है और हम सभी अलग-अलग त्यौहार व रीति रिवाज से बँधकर के इन रीति रिवाज व त्योहारों का सम्मान कर आनंद की अनुभूति प्राप्त करते है जैसे
जहां आज के समय में सभी कुछ ऑनलाइन व ऑनलाइन ऐप्प के माध्यम से हर क्षेत्र को जोड़ा जा चुका है व जोड़ने की प्रक्रिया जारी है जहां आज की इस मोडर्न व तकनिकी में स्मार्ट मोबाइल व लैपटॉप के बिना जिंदगी अधूरी स
जहां आज सब कुछ मोडर्न हो गया है जिसके चलते सभी लोग ऑनलाइन ऐप्प के माध्यम से शॉपिंग कर अपना समय और पैसे दोनों की बचत कर लेते है जिससे की जहां पर बाजार में भीड़ से छुटकारा मिलता है वही पर ऑनलाइन शॉपिंग क
जिस प्रकार किसी मकान की नीवं उस मकान की मजबूती को बयां करती हैं ठीक उसी प्रकार परिवार की नीवं बुजुर्गों पर टिकी हुई होती हैं बुजुर्ग ही परिवार की एकता को बनाये रखते है वो बात अलग है की आज बुजुर्गों को
जीवन में सोच का ही सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है इंसान के मन और मस्तिषक में फिर वो चाहे कितना भी संपन्न हो या फिर गरीब हो अगर सोच सकारात्मक नही है तो जीवन में मिलने वाली खुशी या मिल रही खुशी से आप सदा वं
भारत देश में जहां अनगिनत त्यौहार रीति व रस्मे निभाई व मनाई जाती है वही त्योहारों के मौसम में एक अलग ही रोमांच रहता है जब त्यौहार आते है और हम बड़े ही हर्शोल्लास के साथ त्योहार मनाते है आप चाहे कोई भी त
शिक्षा कहीं से भी मिले कैसे भी मिले एक विद्यार्थी ही शिक्षा की महिमा को जान सकता है शिक्षा में दिलचस्पी लेने वाला कोई भी इन्सान कभी मार नही खा सकता है अपने जीवन में अगर उसने ठीक ढंग से शिक्षा ग्रहण कर
भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिये सरकार और नागरिक दोनों ही जिम्मेदार है दोनों इसलिये जिम्मेदार है की जहां अनगिनत लोगों ने कमाई के लिये अपने निजी उद्योग खोल रखे है जिसमे की पेपर मिल व शुगर मिल जैसे उद
छठ पूजा सूर्य की उपासना की एक बहुत ही प्रबल उपासना मानी जाती है इस दिन सूर्य अपनी सब शक्तियों से परिपूर्ण होता हैं यह पर्व बिहार इत्यादि राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता हैं छठ पर्व पर सूर्य की उप
हर साल इक्कतिस अक्तूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के रूप में हम राष्ट्रीय एकता दिवस मनाते है पर यह सोचने व समझने वाली बात है की क्या आज भी हम एक है उत्तर होगा नही वो इसलिये की भारत देश में जिसे
जैसा की हम सभी जानते है की आज की ही तारीख को आतंकवादियों ने मुंबई में विनाशकारी खेल को अंजाम दिया था जिसमे की कई मुंबई वासी मुंबई पुलिसकर्मी और सेना के जवान इस ओपरैशन में शहीद हो गये थे इस बात से यही
जब भी बात धर्म की हो तो सभी को अपने धर्म के प्रति अटल व विश्वास पर कायम रहना चाहिये सभी के धर्म का सम्मान करे किंतु जिस धर्म में आप जन्मे है मरते दम तक उसके संस्कार,संस्कृति,व रीति रिवाज ना छोड़े अगर आ
वैसे तो सभी बुधिजीवी नारा लगाते रहते है की शिक्षा सभी को मिलनी चाहिये शिक्षा में सभी का अधिकार है पर अगर देखा जावे तो कहने और करने में बहुत अन्तर है आज जहां सब कुछ बिजनस बन चुका है अगर उसको मद्देनजर र
जैसा की हम सभी जानते है की इस देश को मीडिया ही चला रही है इस देश की नींव पत्रकार होते है जो की अपनी जान जोखिम में डालकर के आप सभी तक हमारे और आपके बीच में खबरें पहुँचआते है आज अगर कोई भ्रस्टाचार पर सी
सरकार जिसे जनता अपने चुनाव से पांच वर्ष के लिये कुर्सी पर बिठाती है की वो उनके लिये कुछ अच्छा करेगी किंतु देखने वाली बात यह है की जिसे भी कुर्सी पर बैठा दो वो केवल और केवल पांच वर्षों में कितना पैसा क
राजनीती ही भाई भतीजावाद है यहां कोई किसी का सगा नही है सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे है जनता का ही पैसा खाकर के जनता को ही वापस दे रहे है यही राजनीती है आम जनता और गरीब इसका कोई सगा नही है परिश्रम करने
हम हर साल कोई ना कोई दिवस मनाते है और उसके उपरांत उस दिन शपथ लेकर के अगले दिन भूल जाते हैं ऐसी ही आज राष्ट्रीय प्रदूषण नियन्त्रण के उपलक्ष्य में सभी सरकार व जनता शपथ लेंगी की हम प्रदूशण नही करेंगे वगे
भारत एक ऐसा देश है जिसकी संस्कृति और विरासत की गाथा का आगे बड़े बड़े देश भी सर झुकाते है जिस देश की मिट्टी में भगवान कृष्ण व भगवान श्री राम ने जन्म लिया जिस देश की मिट्टी में बड़े बड़े वीर व वीरांगनाओं ने
यह विषय बहुत ही जटिल व बहुत ही पुराना है पूर्व से लेकर अभी तक जितनी भी सरकारे आयी है सभी में यह मुद्दा गरमाया हुआ था और आज भी यह गरमाया हुआ है की बेरोजगारी का कैसे समाधान किया जावे जितनी भी सरकारे आज
अगर भारत के युवा की आज बात करे तो भारत का युवा आज खोखला होता जा रहा है जिसके मुख्य कारण है कॉलेज इत्यादि में नशे का व्यापार अनुशासनहीनता,अपनी संस्कृति को ना जानना धर्म से दूर चले जाना, हर उस चीज का है
आज के भागदौड़ भरी जिन्दगी में युवाओ में बढ़ता तनाव लाजमी ही है उसके कई कारण है एक तो बेरोजगारी जो की अपने चरम सीमा पर है आज के युवा अपने परिवार का भरणपोषण के लिये कठोर परिश्रम कर दूर जाकर नौकरियां कर रह
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में युवाओ में बढ़ता तनाव लाजमी ही है उसके कई कारण है एक तो बेरोजगारी जो की अपने चरम सीमा पर है आज के युवा अपने परिवार का भरण पोषण के लिये कठोर परिश्रम कर दूर जाकर नौकरियां कर रह
जैसा की आप सभी जानते है की विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने भारत देश में कई आयामों को जन्म दिया है तकनिकी और प्रोद्योगिकी ने भारत देश को कीर्तिमान व विकसित देशों की सूची मे शामिल कर दिया है आज जहां भारत में
जिस प्रकार एक शरीर का सहारा उसकी रीढ़ की हड्डी होती है व एक घर की ताकत उसकी नींव होती है ठीक उसी प्रकार किसी देश की ताकत उसकी अर्थव्यवस्था से लगाया जा सकता है की वह कितना संपन्न है या होगा आने वाले समय
जैसा की हम सभी जानते है की हर पांच साल किसी ना किसी पद के लिए चुनाव होते ही रहते है जिनके लिये जनता अपने पसंदीदा उम्मीदवार जीतान के लिये ईवीएम मशीन पर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को बूथ पर जाकर के अपना वोट
जैसा की आप सभी जानते है की तकनिकी के नये नये कदम भारत को कहां तक ले गये है जिसमे की निरंर विकास इस बात का उदाहरण है की आज भारत विश्व्गुरु के समीप तक आ पहुंचा है लेकिन हमे यह बात भी ध्यान में रखन
जैसा की आप सभी जानते है की आज की इस मोडर्न दुनिया में सोशल मीडिया ही सरकार और आम जनता को चला व सुरक्षा प्रदान कर रही है जिनमे की ट्विटर भी एक मौजूद है ट्विटर एक ऐसा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जिस पर लघ
जैसा की आप सभी जानते है की राहुल गांधी जी की कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के रूप में जाने जाते है आज कल भारत जोड़ों यात्रा कर रहे है ये सब राजनीती के वशीभूत होकर के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मो
लोहड़ी का त्यौहार मुख्यतः पंजाबी व सिख धर्म के त्योहारों में से एक है जिसमें शाम के समय लकड़ीयों से बने एक टीलेनुमा में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों की आहुति डाली जाती है और शाम के ही समय वही पर बैठकर क
लोहड़ी का त्यौहार मुख्यतः पंजाबी व सिख धर्म के त्यौहारों में से एक है जिसमें शाम के समय लकड़ियों से बने एक टीलेनुमा में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों की आहुति डाली जाती है और शाम के ही समय वही पर बैठकर क
प्रकर्ति ने इंसान को बनाया है इंसान ने प्रकृति को नही बनाया है इसलिये विकास के चलते देश में आय दिन पहाडों को तोड़ा व वृक्षों की निरंतर कटाई के चलते इंसान ने प्रकृति को अपने स्वार्थ के चलते कहीं का नही
सभी बुद्धिजीवी लोगों को आपने यह तो कहते सुना ही होगा की "युवा ही इस देश का भविष्य है "| पर क्या यह बात आज के समय में सत्य होती दिखायी दे रही है तो जवाब होगा नही राज्य कोई भी हो सरकार किसी भी राज्य की
इस धरती को ईश्वर ने बनाया है और ईश्वर की ही एक सुन्दर रचना का नाम है इंसान जिसे ईश्वर ने बल और बुद्धि दोनो को विकसित कर इस धरती पर भेजा है ताकि इंसान अपनी बुद्धि से सही और गलत में अंतर कर सके अब बात क
विनेश फोगाट का आरोप WFI पर लगाना कितना सही और कितना गलत है यह तो जांच पड़ताल के बाद में ही पता लगेगा किन्तु अगर विनेश फोगाट इतने यकिन से कह रहे है और उन्हें पूरा विश्वास है तो कहीं ना कही कुछ ना कुछ तो
जैसा की आप सभी जानते है की किसी भी सरकार को बनाने के लिये चुनाव की एक प्रक्रिया होती है जिसमें की सभी आम जनता अपने मत के अनुसार अपने पसंदीदा व्यक्ति को ही सरकार में बैठात है किंतु आय दिन महिलाओं पर हो
शब्द.इन की तरफ से यह पहल बहुत ही उम्दा है | जिसके चलते अभी तक सभी लेखक व लेखिका अपने मन में उसके विचार को कलम के माध्यम से लिखते थे किन्तु अब सभी गणमान्य लोगों के सामने लेखक व लेखिका अपने विचारों को भ
आज की युवा पीढ़ी को बॉलीवुड के एक्टर व ऐक्ट्रेस के सारे जन्मदिन और मरणदिन पता है किन्तु बहुत कम ही ऐसे लोग है भारत में जिन्हें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों व हमारी स्वतंत्रता वीरांगनाओं की जयंती के बारे
हम हर साल कोई ना कोई दिवस मनाते ही रहते है किंतु आज के विषय के अनुसार क्या समाज व देश दुनिया में आज बालिका सुरक्षित है तो जवाब होगा नही जहां इस विषय पर तमाम राजनीती भी होती रहती है बुद्धिजीवी नेता भी
भारत देश में सब फेमस होना चाहते है फिर वो चाहे किसी भी प्रक्रिया में से इंसान को निकलना ही क्यों ना पड़े चाहे वो गलत हो या फिर सही विषय कोई भी हो सबको अपना हित साधना है राजनीती चमकाकर के अपने उल्लू को
आज भारत अपना 74वाँ गणतंत्र दिवस मना रहा है देश के सर्वोच्च सम्मान तिरंगे के प्रति एक साधारण परिवार व एक छोटे से गाँव से निकला एक युवक किस शौर्य से माँ भारती का नाम लिये रण में अपनी वीरता व शौर्य की गा
आम जनता महंगाई व रोजगार के लिये त्रस्त है और उद्योगपति भारत के सभी संसाधनों में अपना निवेश कर उन्हें खरीद कर नीलामी कर रहे है उद्योगपतियों के रास्ते पर ही सरकारें चल रही है और अपने आने वाले चुनाव में
गृहणी शब्द का अगर सन्धि विच्छेद करे तो ग्र +हरणी अर्थात जो घर की सभी बाधाओं को हर ले उसे हम गृहणी कहते है एक गृहणी का जीवन कितना संघर्षमय और कठिनाईयों से भरा होता है यह सिर्फ एक गृहणी ही जानती है एक ग
किसी भी विषय या वस्तु मे इंसान की औकात की रूपरेखा को देखने व दिखाने के लिये जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है उसे शर्त कहते है अब बात करे बिना शर्त के प्यार की तो बिना शर्त के आज की दुनिया में कुछ भी सं
महिला क्या है- माँ की कोख से पैदा हुई नन्ही सी परी पापा की उंगली पकड़कर जो थी चली जिसने अपने चरणों से किया था खुशियों से सराबोर अपने घर को माता व पिता के सपनों को पूरा किया था जिसने अपने संघर्षों से एक
जिस प्रकार रसोई में किसी भी प्रकार का व्यंजन बनाने के लिये उसमें मिर्च मसाला तेल व छौंक का प्रयोग कर उस सब्जी को पूर्ण किया जाता है वैसे ही अब जितने भी प्रकार के भारत देश के कोने कोने में शहरो में जो