आरक्षण राजनीति की संजीवनी दवा है जिसे कोई भी ग्रहण कर अपनी पीड़आओं से मुक्ति पा सकता है| अब देखने वाली बात यह है की सरकार इस महिला आरक्षण पर कितनी खरी उतरती है महिलाओं को आरक्षण में कैसी और कितनी सुविधा कहां और कैसी देनी है वो तो सरकार जाने लेकिन इस महिला आरक्षण पर कोई राजनीती नही होनी चाहिये ऐसी आशा हम करते है चुनाव आने वाले है यह तो सब जानते है की इन नेताओं को पांच वर्ष के अन्तिम चरण में ही यह सब बाते याद आती है शुरु के चार वर्षों में तो यह अपना बैंक बैलेंस ही भरते है इस महिला आरक्षण पर महिलाओं को शत प्रतिशत आरक्षण मिले बिना किसी राजनीती के और महिलाओं की सुरक्षा को भी इसमे तवज्जों दी जाये बाकि आगे जो भी सरकार करती है वो सरकार का फैसला होगा |