पत्र
कल शाम से मेरा मन बड़ा बैचेन था। सुबह उठा तो प्रभु का धन्यवाद किया क्योंकि मन में एक नई उमंग , एक नई स्फूर्ति व एक नई उम्मीद भरा वचन प्रभु के दास डाक्टर रेव. जॉर्ज लूकस जी के पत्र के माध्यम से प्राप्त हुआ। पत्र पढ़ कर बहुत आशीष मिली और मन में असीम शांति का अनुभव हुआ, मन चिंता मुक्त हो गया।।
पत्र में लिखा था — “ मास्टर साहब! जय मसीह की।"
‘ प्रभु यीशु आपको सदैव चिंतामुक्त रखे।’
आगे लिखा था — “तुम में कौन है, जो चिंता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है।” (मत्ती 6:27)
क्योंकि “ संसार की चिंता ...... हमारे मन में समाकर परमेश्वर के वचन को दबा देती है।” (मरकुस 4:19)
“ सो कल के लिए चिंता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिंता आप कर लेगा......।” (मत्ती 6:34)
इसलिए मास्टर साहब, “ अपने मार्ग ( जीवन और भविष्य) की चिंता यहोवा पर छोड़ और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा।” ( भजन 37:5)
प्रभु परमेश्वर आपकी सब चिंताओं को दूर करें।
प्रभु आपको आशीष दे। आमीन।
आप सबको
आशीर्वाद
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