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महेंद्र "अटकलपच्चू" के बारे में

मैं एक शिक्षक हूं। मेरा प्रिय विषय हिंदी साहित्य है। मुझे साहित्यक पुस्तकें पढ़ना बहुत ही अच्छा लगता है। मैं प्रतिदिन घटने वाली घटनाओं से संबंधित छोटे छोटे लेख लिखता हूं।।

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महेंद्र "अटकलपच्चू" की पुस्तकें

मेरी रचना

मेरी रचना

"मेरी रचना" कविता संग्रह है जो मेरी भावनाओं को दर्शाता है।

12 पाठक
28 रचनाएँ

निःशुल्क

मेरी रचना

मेरी रचना

"मेरी रचना" कविता संग्रह है जो मेरी भावनाओं को दर्शाता है।

12 पाठक
28 रचनाएँ

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मसीही काव्य संग्रह

मसीही काव्य संग्रह

‘मसीही काव्य संग्रह’ मसीही कविताओं का संग्रह है जिसमे प्रभु यीशु मसीह की महिमा हेतु स्वरचित कविताओं एवं गीतों का संकलन किया गया है।

निःशुल्क

मसीही काव्य संग्रह

मसीही काव्य संग्रह

‘मसीही काव्य संग्रह’ मसीही कविताओं का संग्रह है जिसमे प्रभु यीशु मसीह की महिमा हेतु स्वरचित कविताओं एवं गीतों का संकलन किया गया है।

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बुन्देली कहावतें

बुन्देली कहावतें

छत्रसाल के समय से बुन्देलखण्ड को "इत जमुना उत नर्मदा, इत चम्बल उत टोंस" से जाना जाता है। साथ ही बुन्देलखण्ड की बुंदेली भाषा का भी अपना अलग ही महत्त्व है। बुंदेली भाषा भारत के एक विशेष क्षेत्र बुन्देलखण्ड में बोली जाती है। यह कहना बहुत कठिन है

5 पाठक
2 रचनाएँ

निःशुल्क

बुन्देली कहावतें

बुन्देली कहावतें

छत्रसाल के समय से बुन्देलखण्ड को "इत जमुना उत नर्मदा, इत चम्बल उत टोंस" से जाना जाता है। साथ ही बुन्देलखण्ड की बुंदेली भाषा का भी अपना अलग ही महत्त्व है। बुंदेली भाषा भारत के एक विशेष क्षेत्र बुन्देलखण्ड में बोली जाती है। यह कहना बहुत कठिन है

5 पाठक
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स्मृतियां

स्मृतियां

प्रतिदिन घटने वाली घटनाओं से संबंधित लेख

3 पाठक
7 रचनाएँ

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स्मृतियां

स्मृतियां

प्रतिदिन घटने वाली घटनाओं से संबंधित लेख

3 पाठक
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महेंद्र "अटकलपच्चू" के लेख

प्रभु की शरण

17 जनवरी 2024
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क्यों लगता है कोई मदद नहीं करता मेरीशायद मैं अकेला हो गया हूॅन कोई वाट जोहता मेरी।।मन बेबस बेचैन डर डर जाती रूह तक मेरीमगर मै अकेला नहीं हूॅप्रभु! बस मुझे आस है तेरी।।राह अंधेरी है

पावती

17 जनवरी 2024
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एक पर्यटक एक होटल मे आया।उसे एक कमरा बहुत मन भाया।।उसने वह कमरा किराये पर लिया।महीने भर का पूर्व भुगतान किया।।होटल वाले ने कहा आनन्दपूर्वक रहिए।पर श्रीमान क्या आपको पावती चाहिए।।पर्यटक बोला इसकी जरूरत

विशेषता

16 जनवरी 2024
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शीर्षक- विशेषता कई बच्चे एक बच्चे की हँसी उड़ा रहे थे। और वहीं गाँव के सरपंच आ रहे थे।। बच्चों को इस कारण हँसी आ रही थी। उस बच्चे के पैरों में छह-छह उंगलियाँ थी।। बेचारा वह बच्चा शर्म के मारे रो रहा थ

जिन्दगी

14 फरवरी 2023
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शजिन्दगी कट रही हैटुकड़ों में बंट रही हैदेखता हूं रोज उसको दर दर भटक रही है।।रिश्तों में अब रस नहींकिसी में अब तरस नहींसोचता हूं रोज क्यों,

पैगाम दो

12 अगस्त 2022
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कोई कील बन सताए, हथौड़ा ठोक दोबन कटार दुश्मन के सीने में भोंक दो।ये देश है वीर जवानों का मस्तानों काहै आग सीने में, दुश्मन को झोंक दो।।न देख सकें दुश्मन की आंखे इस ओरऐसा मचा दो दुश्मन के दिलों में शोर

तुझ पर भरोसा रखूंगा

2 अगस्त 2022
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मैं जीवन भर तुझे सराहूंगाअंत तक तेरी राह निहारूंगाजिस समय मुझे डर लगेगामैं तुझ पर भरोसा रखूंगा।।तेरे वचन की प्रशंसा करूंगाकिया भरोसा मैं न डरूंगाकोई मेरा क्या कर सकता हैमैं तुझ पर भरोसा रखूंगा।।जब

क्रूस क्यों घमंड का कारण है?

28 जुलाई 2022
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देता मुझको तंगी में आशिषें घटी के समय देता बरकतेंखाली जीवन को देता भरपूरीक्रूस इसलिए घमंड का कारण है।जो समाज संगति से दूर करतावो

मैं अकेला हूं

5 जुलाई 2022
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नजर उठा कर देखा तोचारों ओर सन्नाटा है,कोई नजर नहीं आता मुझकोक्योंकि मैं अकेला हूं।।रात की खामोशी मेंझींगुर झें झें करते है,कोई नही कुछ कहता मुझसेक्योंकि मैं अकेला हूं।।चारों ओर काला घेरामेरा साथ निभात

अपनापन

28 जून 2022
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मैं जानता हूं किमेरे अपने ने गलती की हैकिसी के साथ बुरा बर्ताव किया हैजान बूझ करधोखा दिया हैकिसी का बनता काम बिगाड़ा हैनीचे गिराने का भरसक प्रयास किया हैफिर भीमैंउसकी प्रशंसा करता हूंउसकी ता

वो रहेगा

22 मई 2022
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हम थे, हम है, ये सब जानते हैं,हम होंगे, ये कोई नही जानता।न मैं, न तुम, कोई नही....बस एक बात जानता हूंवो था, वो है, वो रहेगा।। महेन्द्र "अटकलपच्चू" ल

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