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परिचय

8 अप्रैल 2023

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यह पुस्तक खलील जिब्रान की उत्कृष्ट रचना है और हमारे समय की प्रिय रचनाओं में से एक बन गई है। सन् 1923 में प्रकाशित इस रचना का बीस से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है और मात्र अमेरिकी संस्करण की ही नब्बे लाख से अधिक प्रतियाँ बिक चुकी है। जिब्रान ने 'द प्रोफेट' को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि माना। उन्होंने कहा, "माउंट लेबनान में मैंने जब पहली बार इस पुस्तक की अवधा

रणा तैयार की, तब से मैं कभी 'द प्रोफेट' के बिना नहीं रहा। ऐसा लगता है, जैसे यह मेरा एक हिस्सा रहा है। अपने प्रकाशक को सौंपने से पहले मैंने चार साल तक इसकी पांडुलिपि को अपने पास रखा, क्योंकि मैं संतुष्ट होना चाहता था, पूरी तरह संतुष्ट होना चाहता था कि इसका एक-एक शब्द इतना सटीक हो, जितना मैं लिखना चाहता था।"

'द प्रोफेट' को लेकर 'शिकागो पोस्ट' ने कहा- "भावनाओं के साथ तालबद्ध और जीवंत, खलील जिब्रान के शब्द आपके कानों में सभोप-

देशक की राजसी लय को घोल देता है। यदि कोई पुरुष या स्त्री इस पुस्तक को किसी महान् व्यक्ति के दर्शन को मौन सहमति के बिना और हृदय में इस प्रकार गीत गाते हुए स्वीकार नहीं करता, जैसे कि संगीत उसके भीतर जनमा हो, तो वह पुरुष या स्त्री निश्चित रूप से जीवन एवं सत्य के प्रति मृत हो चुका है।"

“मैं जो कहता हूँ, उसके आधे का कोई अर्थ नहीं होता, 

लेकिन मैं कहता हूँ, ताकि बाकी का आधा तुम तक पहुँच जाए।"

- खलील जिब्रान (द प्रोफेट)

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रचनाएँ
द प्रोफेट
5.0
जब आप दुःखी होते हैं तो फिर एक बार अपने हृदय में झाँकिए और आप देखेंगे कि वास्तव में आप उस चीज के लिए रो रहे हैं, जो आपकी खुशी का स्रोत था। आपमें से कुछ लोग कहते हैं, 'दुःख से बड़ा सुख होता है,” और दूसरे लोग कहते हैं, “नहीं, दुःख उससे भी बड़ा है। लेकिन मैं आपको कहता हूँ कि वे अवियोज्य हैं। दोनों साथ ही आते हैं और जब एक अकेला आपके साथ बैठता है तो याद रखिए कि दूसरा आपके बिस्तर पर सो रहा है। वास्तव में आप अपने सुख और दुःख के बीच तराजू की तरह लटके रहते हैं | जब आप इन दोनों भावनाओं से परे खाली होते हैं, तभी आप स्थिर और संतुलित होते हैं —इसी पुस्तक से 'द प्रोफेट' प्रसिद्ध दार्शनिक व लेखक खलील जिब्रान की उत्कृष्ट और कालजयी रचना है। 1923 में प्रकाशित इस रचना का अब तक 20 से भी अधिक भाषाओं में अनुवाद हो चुका है | केवल अमेरिकी संस्करण में ही इसकी लगभग एक सौ करोड़ से अधिक प्रतियाँ बिक चुकी हैं। जीवन में सुख, संतोष, आनंद की महत्ता बताकर मानव जीवन की सार्थकता रेखांकित करनेवाली पठनीय व प्रेरक पुस्तक।"

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