नित नए परिचय ओं के बाद भी... हम अपने ही स्वजनों से अपरिचित हैं... पास की बाधाओं से अनभिज्ञ, दूर की बाधाओं से आशंकित! हम समय को अपनी आवश्यकताओं का पुलिंदा बनाते जा रहे हैं.... हम उसे खोलते हुए डरते हैं लेकिन एक दिन अपने आप ही खुल जाएगा.... उसे देख हम अपने आप को पहचान लेंगे
बीती ना बिताई रैना गीत परिच (1 9 72): यह जीतेन्द्र, जया भादुरी, प्राण और एके हैंगल अभिनीत परिचय का एक प्यारा गीत है। यह लता मंगेशकर और भूपिंदर द्वारा गाया जाता है और आरडी बर्मन द्वारा रचित किया जाता है।परिचय (Parichay )बीती न बिताई रैना (Beeti Na Bitai Raina ) की लिरिक्स (Lyrics Of Beeti Na Bitai
'परिचाय' 1 9 72 की हिंदी फिल्म है जिसमें जीतेन्द्र, जया भादुरी, प्राण, एके हैंगल, वीना, देव किशन, लीला मिश्रा, केशतो मुखर्जी, सतीश, मास्टर रवि, मास्टर किशोर, राजू श्रेस्थ और बेबी पिंकी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। हमारे पास एक गीत गीत और परिचा का एक वीडियो गीत है। आरडी बर्मन ने अपना संगीत बना लिया है।
पंजाब का शाब्दिक अर्थ पांच नदियों की धरती है | नदियों के किनारे अनेक सभ्यताएं पनपतीहैं और संस्कृतियाँ पोषित होती हैं | मानव सभ्यता अपने सबसे वैभवशाली रूप में इन तटों पर ही नजर आती है क्योकि ये जल धाराएँ अनेक तरह से मानव को उपकृत कर मानव जीवन को धन - धान्
कहते सब सरिता मुझे, बढती हूँ निष्काम जीवन के पथ हैं कठिन, चलते रहना काम चलते रहना काम, नहीं रोके रुक पाती शत्रु सामने देख, सहज दुर्गा बन जाती मेरा शील स्वभाव, भाव हैं मुझमें बहते मैं जीवन का स्रोत, मुझे सब सरिता कहते ||