सुना है
सूना है आज कल सब मिलता है तो कोई ला कर देदे मुझे मेरा गुजरा हुआ कल कोई ला कर देदे मुझे मेरी माँ की लोरी की धुन कोई ला कर देदे पिता का वो प्यार कहते है कि सब मिलता है क्या मिलता है क्या मिलता है मन का संतोष संतुष्ठी ये सब कही नहीं और कभी नहीं बस मिलता है तो धोखा छल कपट और कुछ भी नही सूना है आज कल